ऐतिहासिक-दलालों और कृषि माफियाओं से किसान रहे सावधान- शरदेन्दु

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ऐतिहासिक-दलालों और कृषि माफियाओं से किसान रहे सावधान- शरदेन्दु



ऐतिहासिक-दलालों और कृषि माफियाओं से किसान रहे सावधान- शरदेन्दु 

विशाल किसान सम्मेलन 16 दिसंबर को रीवा में, प्रदेश महामंत्री ने दिया किसानों को खुला निमंत्रण


(संतोष तिवारी)सीधी ।
 स्वतंत्रता के बाद से लगातार अपनी उन्नति और खुशहाली के लिये तरस रहे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने ऐतिहासिक कानूनी प्रावधान किये हैं।अधिकारों से वंचित किसानों को अपने उत्पाद का मूल्य निर्धारण करने और उसे अपनी इच्छा के अनुरूप स्थान पर बेचने आदि की स्वतंत्रता प्रदान करने के लिये तीन विधेयकों के माध्यम से कानूनी प्रावधान किये गये हैं। विशाल किसान सम्मेलन में खुला निमंत्रण देते हुए 16 दिसंबर को टीआरएस महा विद्यालय रींवा के प्रांगण में पहुंचने की अपील की जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष बी डी शर्मा उपस्थित रहेंगे। 
उक्त आशय का उद्दगार पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश महामंत्री और चुरहट विधायक शरदेन्दु तिवारी ने पत्रकारोंको सम्बोधित करते हुए कहीं।प्रदेश महामंत्री श्री तिवारी ने कहा कि कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन आरै सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
एक राष्ट्र, एक बाजार की अवधारणा विकसित करने के लिये यह बाधा मुक्त व्यवस्था किसानों के लिये की गई है। दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी दिन-रात पसीना बहाने वाले किसान को अपनी फसलों का मूल्य स्वयं निर्धारित करने का अधिकार नहीं दिया गया और उसे दलालों के जबड़े में डालकर रखा गया।
किसी भी प्रकार का उत्पाद करने वालों को अपने उत्पादन का मूल्य निर्धारित करने का अधिकार सदैव से रहा, तब प्रश्न आता है कि कृषि प्रधान देश में यह अधिकार किसानों को क्यों नहीं दिया गया?आज जब किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का कानूनी प्रयास किया जा रहा है, तब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का विरोध यह इंगित करता है कि किसानों से दलाली खाने वालों से इनके संबंध क्या हैं।मजेदार बात तो यह है कि कांग्रेस और अन्य दलों के जो नेता आज कानूनी सुधारों का विरोध कर रहे हैं, वही नेता संसद से भीतर से लेकर बाहर तक इनकी वकालत करते थे। स्पष्ट है कि इनका दोहरा चरित्र समाज के सामने उजागर हुआ है।राजा, नबाव, अंग्रेज और कांग्रेस तक के शासनकाल में किसानों के हित में ऐसा कोई काम नहीं हो सका, जिसका उल्लेख किया जा सके। लेकिन आज जब देश के किसान को अभिमान और स्वाभिमान देने के प्रयास किये जा रहे हैं, तब विरोधी दलों के पेट में मरोड़ हो रही है।
श्री तिवारी ने कहा कि सच तो यह है कि देश और देश के लोगों के हित में जब भी फैसले लिये जाते हैं, तब कांग्रेस को विरोध ही करना होता है।नागरिकता संशोधन कानून की बात हो, कश्मीर से धारा 370 हटाने का विषय हो, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के कलंक से मुक्ति दिलाने का निर्णय हो या फिर भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण की बात हो, कांग्रेस ने हर राष्ट्रीय विषय पर देश का वातावरण खराब करने का प्रयास किया है।दुर्भाग्य से नये कानूनों के संदर्भ में विरोधी दलों ने किसानों के बीच भ्रम पैदा करने का पाप किया है। जिससे भय दिखाकर राजनीति करने का इनका एजेंंडा चलता रहे।विधायक श्री तिवारी ने कहा कि हमारा प्रश्न है कि क्या किसान को अपने उत्पाद का दाम तय करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए?क्या किसान को अपना उत्पाद किसी भी राज्य में जाकर बेचने की छूट नहीं मिलना चाहिए?क्या किसान के उत्पाद पर दलाली खाने की प्रथा को जारी रहना चाहिए?क्या किसान को अपना उत्पाद बेचने के लिये आधुनिक सुविधाओं के माध्यम से बाजार तलाशने का अधिकार नहीं है?क्या किसान इस देश में अपनी फसल से संबंधित निर्माण उद्योग लगाने का अधिकारी नहीं है?क्या किसान को चुंगी और टैक्स की चक्की में पिसने के लिये छोड़ देना चाहिए।क्या किसान घर से फसल बेचकर अपना यातायात व्यय बचाने का अधिकारी नहीं है?


कांग्रेस,विपक्ष और तथाकथित किसान नेताओ के भ्रम से बचे -- इन्द्र शरण 

भाजपा जिला अध्यक्ष इन्द्र शरण सिंह चौहान ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस, विपक्ष और तथाकथित किसान नेताओ के भ्रम से बचे।यदि कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों को किसानों को मिलने वाले इन अधिकारी से चिढ़ है और वे किसान को निरंतर निरीह और कमजोर देखना चाहते हैं, तो उनकी यह अमानवीय सोच उनको मुबारक हो। लेकिन उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार अब किसान को लाचार नहीं रहने देगी।नये कानूनों का लाभ किसान को मिलना प्रारंभ हो गया है। दो दिन पूर्व ही होशंगाबाद में झांसा देने के एक उद्योगपति के प्रयास इसी कानून के कारण विफल हुये हैं। जिसकी प्रशंसा सिर्फ हम नहीं कर रहे, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पुष्पराज पटेल ने भी की है।
जिला अध्यक्ष श्री चौहान ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसानों से दस दिन में कर्जमाफी जैसे बड़े-बड़े वादे करके लापता हो जाता हो, उस पार्टी के लोगों से किसानों के प्रति संवेदनशीलता की उम्मीद नहीं की जा सकती। जिस पार्टी का मुख्यमंत्री (कमलनाथ) भारी ओलावृष्टि और बाढ़ के हालातों में किसानोंको अपने हालात पर छोड़ दिया था।आज पूरे देश की, विशेषकर मध्यप्रदेश की जनता यह जानती है कि मध्यप्रदेश किसान वेलफेयर स्टेट है। इसीलिये पिछले दिनों कांग्रेस के बंद के आह्वान को स्वयं किसानों ने ही फेल कर दिया। मजेदार बात तो यह है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में चार हजार रुपये की वृद्धि करके 10 हजार रुपये किसान को देने का निर्णय लिया। प्रदेश में 78 लाख से अधिक किसानों के खातों में 3 हजार 705 करोड़ दिये जा चुके हैं।कोरोना संकट के बावजूद गेहूं खरीदी में मध्यप्रदेश का ऑल टाइम नंबर वन बनना कोई छोटी बात नहीं ळें जबकि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार तो किसान फसल बीमा का प्रीमियम भी डकार गई थी।कांग्रेस को किसानों के मुद्दे पर बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि यह वह पार्टी है, जिसकी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को वर्षों तक दबाकर रखा। जबकि मोदी जी सरकार ने स्वामीनाथन की अधिकांश सिफारिशों को लागू कर 2022 तक किसानों की आमदनी दो गुनी करने की अपनी प्रतिबद्धता स्थापित की है।

मोदी सरकार किसानों के लिए समर्पित सरकार-- कुंवर 

धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित मेंं लाये गये कानून को इस प्रकार समझा जा सकता है।राज्यों की कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) के अधिकार पूर्व की तरह रहेंगे। किसानों के पास सरकारी एजेंसियों का विकल्प खुला रहेगा।नये कृषि कानून किसानों के लिये अंतरराज्यीय व्यापार करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं, जिससे किसान अपने उत्पादों को दूसरे राज्य में स्वतंत्र रूप से बेच सकेंगे तथा अपने उत्पाद का अधिकतम मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।वर्तमान में राज्य कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा विभिन्न वस्तुओं पर 1 प्रतिशत से10 प्रतिशत तक बाजारध्मंडी शुल्क वसूल किया जाता है, लेकिन अब कृषि उपज मंडी समितियों के बाहर व्यापार पर कोई राज्य या केन्द्रीय कर नहीं लगाया जाएगा। मंडी प्रांगण के बाहर कोई मंडी टैक्स नहीं लिया जाएगा इसलिए और कोई दस्तावेज की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। फसल का स्वतंत्र क्रय-विक्रय होने से खरीदार और किसान दोनों को लाभ होगा।कृषि करार के कारण किसान अपने कृषि उत्पाद की कीमत फसल बोने के पूर्व ही करार के माध्यम से तय कर सकेगा। अनुबंध खेती के कारण किसान को लाभ होगा। कृषि करार केवल कृषि उपज से संबंध में होगा। इस करार के द्वारा किसी भी निजी एजेंसियों को किसानों की भूमि के साथ कुछ भी करने की अनुमति नहीं होगी।न ही क्रॉप कान्ट्रेक्ट अध्यादेश के तहत किसान की जमीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण होगा।नये अध्यादेश से किसानों के समूह स्वयं व्यापार और निर्यात से जुड़ पायेंगे, जो खेती को लाभदायक बनायेंगे।नये बिल कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश को प्रोत्साहित करेंगे। निजी निवेश खेती के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। राज्यों की कृषि उपज मंडी समितियों के माध्यम से संचालित कृषि उत्पाद विक्रय प्रणाली के तहत केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारी (जिसे आड़तिया यानी बिचौलिया भी शामिल है) को कृषि उत्पाद के संबंध में व्यापार करने की अनुमति थी, लेकिन नया विधेयक किसी को भी पैन नंबर के साथ व्यापार के करने की अनुमति देता है।नया बिल बाजार की अनिश्चितता के जोखिम को कम करेगा। क्योंकि किसान अपने उत्पाद की कीमत करार के माध्यम से पहले ही तय कर चुका होगा।नये बिल से एमएसपी पर खरीदी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्वयं केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने घोषणा की है कि एमएसपी पूर्ववत जारी रहेगी। हाल ही में केन्द्र सरकार ने विभिन्न जिंसों की एमएसपी भी घोषित की है। पत्रकार वार्ता में सिहावल विधानसभा के पूर्व प्रत्याशीशिवबहादुर सिंह चंंदेल,जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजमणि साहू सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।वार्ता का संंचालन जिला मिडिया प्रभारी सुरेन्द्र मणि दुबे ने किया।
भाजपा जिला बैठक में किसान सम्मेलन की बनी व्यापक रणनीति, हजारों किसान लेंगे भाग 
भारतीय जनता पार्टी की जिला बैठक स्थानीय वैष्णवी गार्डन में भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्र शरण सिंह चौहान की अध्यक्षता एवं प्रदेश महामंत्री चुरहट विधायक शरदेन्दु तिवारी के मुख्य आतिथ्य एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुई। जिसमे 16 दिसंबर को रीवा में होने वाले विशाल किसान सम्मेलन की रुपरेखा तैयार की गई। बैठक में प्रदेश महामंत्री श्री तिवारी ने प्रत्येक बूथ से सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हो ऐसा आह्वान कार्यकर्ताओं से किया। स्वागत भाषण भाजपा जिलाध्यक्ष श्री चौहान करते हुए कहा कि अन्नदाता किसानों के सम्मान में भारतीय जनता पार्टी सदैव साथ रही है। बैठक का संचालन जिला महामंत्री केमला प्रजापति ने किया।
 बैठक में प्रमुख रुप से धौहनी विधायक कुंवर सिंह टेकाम, सिहावल विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी शिव बहादुर सिंह चंदेल, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ राजेश मिश्रा, प्रदेश कार्य समिति के सदस्य के के तिवारी, श्रीमती गीता सिंह चौहान, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य उपेंद्र सिंह चौहान,जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर यू के श्रीवास्तव, रामप्रसाद बैश,डा राकेश गौतम, संजय सिंह चौहान, विष्णु बहादुर सिंह चौहान, रविचन्द्र म सिंह परिहार, नीलम पांडे, राम कुमार साहू, शकुंतला सिंह परिहार, अंजू केसरी, राज मणि साहू, विश्ववन्धुधर द्विवेदी, रवि केशरी, आनंद विहार मिश्रा, शत्रुघ्न तिवारी, सुरेंद्र मणि दुबे, घनश्याम दास गुप्ता ,जितेंद्र सिंह चौहान ,प्रमोद द्विवेदी,  सुरेश सिंह चौहान, शिव दान साकेत,  बाबू लाल कुशवाहा,मोहम्मद कलाम, धर्मेंद्र शुक्ला, सूर्य प्रताप सिंह, संजय सिंह चौहान ,दिनेश गुप्ता ,राजेश्वर पटेल ,रजनीश शुक्ला, गजेंद्र सिंह, पुनीत पांडे, सुख नंदन पटेल, गुरुदत्त शरण शुक्ला, पंकज पांडे, अजय चौबे, पूनम सोनी, मनीला सिंह चौहान, सुनीता रानी वर्मा ,उतरा वर्मा, अन्नू पांडे,  मीनाक्षी मिश्रा,पुनीत नारायण शुक्ला, मनोज भारती, अशोक वर्मा, बृजेंद्र सोनी, देव कुमार सिंह चौहान, उमा शंकर यादव, चित्र भान गुप्ता, शिवेंद्र सिंह चौहान, रामसुंदर जायसवाल, प्रदीप सिंह चौहान, महेंद्र पांडे, अखलेश कुशवाहा, सज्जन सिंह चौहान, डॉक्टर अजय मिश्रा,विवेक सिंह चौहान, राहुल वर्मा,अजीत सिंह, अमित सोनी, पुष्पराज सिंह चौहान, मुनिराज विश्वकर्मा,हीरालाल कोरी, नरेंद्र यादव, रामकृपाल जयसवाल, प्रभा शंकर शर्मा, अजय सिंह, राकेश मौर्य,अमित प्रधान, प्रदीप पांडे ,प्रयास उपाध्याय सहित सैकड़ों पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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