महापौर पद के लिए कल होगा आरक्षण
भोपाल।
राजधानी में अगला महापौर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पुस्र्ष से होना तय हो गया है। संभावना ओबीसी महिला होने की भी है। दरअसल, बुधवार को सुबह 11 बजे रवींद्र भवन में महापौर पदों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस पर कलेक्टर कार्यालय से भी नगर निगम आयुक्त वीएस चौधरी कोलसानी को व्यवस्थाओं व शर्त संबंधित पत्र जारी किया गया था। कयास लगाए जा रहे है कि दो बार ओबीसी महिला महापौर पूर्व में रह चुका है, इसलिए इस बार ओबीसी पुस्र्ष वर्ग के लिए महापौर पद आरक्षित होना लगभग तय माना जा रहा है। इस स्थिति में शहर में इस पद के लिए कई दावेदार सामने आ सकते है।
बता दें कि वर्ष 1983 से 1999 तक महापौर का चुनाव पार्षद द्वारा किया जाता था। इसके बाद सरकार द्वारा फेरबदल किए गए और महापौर का चुनाव सीधे जनता द्वारा कराए जाने लगा। 2018-19 में महापौर चुनाव को लेकर कमल नाथ सरकार ने फिर फेरबदल किए। वापस पार्षदों द्वारा ही चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया गया। वर्ष 1999-2000 में जनता के माध्यम से पहली बार चुन कर विभा पटेल महापौर बनी थीं। विभा के अलावा जनता द्वारा तीन अन्य महापौर चुने जा चुके हैं। इसमें सुनील सूद, कृष्णा गौर और वर्तमान महापौर आलोक शर्मा हैं। इसमें जनता द्वारा दो कांग्रेस और दो भाजपा के मेयर बनाए जा चुके हैं.
गौरतलब है कि प्रदेश में 407 नगरीय निकायों में महापौर व अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण होना है। इनमें 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका और 292 नगर परिषद हैं। नगरीय निकाय चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। लिहाजा जल्द ही निकाय चुनावों के लिए तारीख का ऐलान होगा। यह चुनाव भी एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर ही कराए जाएंगे, ताकि तीन माह के अंदर ही चुनाव संबंधित सभी तैयारियां पूरी की जा सकें। इस संदर्भ में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने सूचना भी जारी की है। इसमें बताया गया है कि महापौर तथा अध्यक्ष के पद का आरक्षण नियम 1999 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. नगरीय निकायों में वोटर लिस्ट तैयार करने का काम शुरू किया जा चुका है। दो चरण में विधानसभा चुनाव की वोटर लिस्ट के हिसाब से नामों की छंटनी होगी। इसके बाद तीसरे और अंतिम चरण में नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे। यह काम इसी महीने में होना है। चर्चा है कि इस बार 1 जनवरी 2018 की स्थिति में तैयार वोटर लिस्ट से 1 जनवरी 2020 की आधार तारीख के हिसाब से नाम जोड़ने-हटाने का काम होना है।
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