सुबूही खान के नेतृत्व मे 'राष्ट्र जागरण अभियान' के अंतर्गत सिख समाज ने दी खलिस्तानियों को खुली चुनौती

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सुबूही खान के नेतृत्व मे 'राष्ट्र जागरण अभियान' के अंतर्गत सिख समाज ने दी खलिस्तानियों को खुली चुनौती



सुबूही खान के नेतृत्व मे 'राष्ट्र जागरण अभियान' के अंतर्गत सिख समाज ने दी खलिस्तानियों को खुली चुनौती


 लखनऊ।

देश की जानी मानी सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता के नेतृत्व मे ‘राष्ट्र जागरण अभियान’ के अंतर्गत सिख समाज के भाइयों के साथ एक बैठक व जन सम्मेलन हुआ जिसमे ख़लिस्तानी मूवमेंट व उसको इस्तेमाल करने वाली भारत विरोधी ताकतों को खुली चुनौती दी गयी। ख़लिस्तानी सोच के ख़िलाफ़ सिख समाज ने बौद्धिक जंग का एलान किया।

सिख समाज के लोगों ने सुबूही खान को अपने समाज के बड़े सम्मान 'सिरोपाव' से सम्मानित किया और 'राष्ट्र जागरण अभियान' मे हर सम्भव सहयोग देने का वादा किया। जो बोले सो निहाल...सत श्री अकाल के जयघोष के साथ  खालसा विश्व एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जोगिंदर सिंह खालसा जी द्वारा भगवा रंग का 'सिरोपाव' सुबूही खान को पहनाया गया और सिख पंथ के इतिहास की किताबें उनको भेंट की गईं।

सरदार इक़बाल सिंह ने कहा, "विदेशी आक्रांताओं से लड़ते हुए हमारे गुरु शहीद हुए। भारत की रक्षा करने के लिए हर घर का एक बच्चा सिख बनाया जाता था।"

कमलजीत सिंह जी का कहना था "एक सच्चे सिख के लिए ख़लिस्तानी एक गाली है"

रणबीर सिंह जी ने कहा "जो देश के ख़िलाफ़ हो वो सिख हो ही नही सकता"

किसान बिल की आड़ में भारत विरोधी ताकतों द्वारा ख़लिस्तानी मूवमेंट चलाने वालों को सिख समाज ने खुल कर ललकारा।

सुबूही खान ने भावुक होते हुए कहा कि "सिख समाज के भाइयों ने मुझे सिर्फ सम्मान ही नही दिया है बल्कि एक बड़ा दायित्व दिया है। यह है मेरा भारत। और अब भारत बंद नही बुलंद होगा। 'राष्ट्र जागरण अभियान' के द्वारा भारत के 130 करोड़ लोग एक सूत्र में पिरोए जाएंगे और भारत विरोधी मानसिकताओं को हमारे देश से निकाल कर फेंक दिया जाएगा।
'राष्ट्र जागरण अभियान' का उद्देश्य भारत विरोधी मानसिकताओं को समझ कर उनको तोडना है और देश के भीतर सोई हुई एकता व शक्ति को जगाना है। आज देश के समक्ष भीतरी एवं बाहरी मोर्चों पर चुनौतियों दस्तक दे रही हैं। उसको देखते हुए अब वक्त आ गया है कि हम सब एक होकर अपनी मातृभूमि की अस्मिता की रक्षा करें और उसका क़र्ज़ उतारें और वक़्त आने पर अपने देश के लिए एक सैनिक का काम कर सकें। भारत विरोधी मानसिकताओं ने भारत को तोड़ने के लिए हमारे समाज को विभिन्न गुटों मे बाँट दिया है क्योंकि वो जानते हैं की जिस दिन भारतवासी एक हो गये उस दिन भारत को विश्व-गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता! इस भारत विरोधी षड्यंत्र को बड़े ही प्रायोजित एवं व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। इसमे न केवल देश के भीतर मौजूद समाज विरोधी एवं देश विरोधी शक्तियां शामिल हैं बल्कि विदेशी शक्तियां भी भारत को अस्थिर एवं कमज़ोर करने के लिए तोड़ने की कोशिश करते हुए धन मुहैया करा रही हैं।
इसी को ध्यान मे रखते हुए इस ‘राष्ट्र जागरण अभियान’ का आह्वान हुआ! हमे अपने एकात्मता के एहसास को बरकरार रखते हुए आक्रमण का प्रतिकार करना है!"

सुबूही खान ने आगे कहा, "हमारा मानना है कि समाज के भीतर तीन प्रकार के लोग हैं। एक राष्ट्रवादी, दूसरे अराष्ट्रवादी और तीसरे देशद्रोही या देश विरोधी। इनमे से जो तीसरी देश विरोधी ताकतें हैं वह काफी संगठित एवं मजबूत हैं। हमारा उद्देश्य है कि पहली ताक़त यानि राष्ट्रवादियों को संगठित कर, दूसरी श्रेणी यानि अराष्ट्र्वादी लोगो से संवाद क़ायम कर उनको अपने साथ जोड़ा जाए ताकि हम मिलकर भारत विरोधी व देशद्रोही ताकतों का सामना कर सकें। हमारा आह्वान है कि सभी व्यक्ति, संगठन, जाति, समुदायों, पंथों के लोग इस अभियान से जुड़ कर देशहित मे अपना योगदान दें। बैनर, दल, विचारधाराओं से ऊपर उठ कर भारतीय बन कर साथ आएं।
आइए, अपने गौरवशाली अतीत को पुनः प्राप्त करें और एक सशक्त एवं एकजुट भारत बनें।"  

इस कार्यक्रम मे सरदार इक़बाल सिंह, गुरुमेहर सिंह, मोहित सिंह, कमलजीत सिंह, रणबीर सिंह व जोगिंदर सिंह खालसा आदि सम्मलित हुए।

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