आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का होगा पुनर्गठन, इनको जोड़ा जाएगा समूह में

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आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का होगा पुनर्गठन, इनको जोड़ा जाएगा समूह में

आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का होगा पुनर्गठन
 
भोपाल

आँगनवाड़ी सेवा योजना के तहत संचालित कार्यक्रमों में सेवा उपयोगकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी से योजनाओं/गतिविधियों के प्रभावी क्रियान्वयन के बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते है। पूर्व में ग्राम स्तर पर संचालित कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 'सहयोगिनी मातृ समिति' का गठन किया गया था। वर्तमान में मैदानी स्तर की परिस्थितियों, योजनाओं के स्वरूप में परिवर्तन को देखते हुए आँगनवाड़ी केन्द्रों पर सहयोगिनी मातृ समिति का पुनर्गठन किया जा रहा है। संचालक महिला बाल विकास श्रीमती स्वाती मीणा नायक ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत आँगनवाड़ी केन्द्र की गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए 'सतर्कता समिति एवं सोशल ऑडिट व्यवस्था प्रावधानित है। मातृ सहयोगी समिति इस प्रयोजन के लिए 'सतर्कता समिति' के रूप में कार्य करेगी।

समिति का स्वरूप

श्रीमती स्वाति मीणा नायक ने बताया कि प्रत्येक आँगनवाड़ी केन्द्र पर दस सदस्यीय एक मातृ सहयोगिनी समिति होगी। जिसका चयन वार्ड, ग्राम, टोले, मजरे, फलिये आदि के चयनित सदस्यों की उप-समिति में से किया जायेगा। आँगनवाड़ी के हितग्राही (गर्भवती एवं धात्री) अथवा बच्चों के परिवार की महिला सदस्य को नामांकित किया जायेगा। गाँव के पंच (प्राथमिकता महिला पंच) वार्ड की पार्षद, ऐसी सक्रिय महिला जो स्वेच्छा से अपनी सहयोग देगी, ग्राम/शहरी क्षेत्र की संबंधित शालाओं के शिक्षक, वार्ड स्तरीय अन्य विभागीय समितियों की महिला सदस्य, स्व-सहायता समूह की महिला अध्यक्ष को तीन वर्ष की अवधि के लिए नामांकित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त जन्म से 6 वर्ष आयु तक के बच्चों की माता को एक वर्ष के लिए समिति से जोड़ा जायेगा। साथ ही किशोरी बालिका (11 से 17 वर्ष) की माता और 19 से 45 आयु वर्ग की महिलाओं को भी एक वर्ष की अवधि के लिए समिति में नामांकित किया जायेगा।

सेक्टर पर्यवेक्षक होंगे प्राधिकृत अधिकारी

सहयोगिनी मातृ समिति/ उप समिति के सदस्यों के चयन के लिए संबंधित क्षेत्र की सेक्टर पर्यवेक्षक प्राधिकृत अधिकारी होंगे। समिति का गठन कर पर्यवेक्षक द्वारा इसकी सूचना बाल विकास अधिकारी को दी जाएगी। बाल विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं संभागीय संयुक्त संचालक अपने कार्य क्षेत्रों में समिति गठन कार्यवाही के उत्तरदायी होंगे।

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