किसानों की बात न सुनना निंदनीय, तीनों कृषि कानून वापस ले सरकार: उमेश
किसान आंदोलन में शहीद होने वाले किसानों को दी श्रद्धांजलि
सीधी।
टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा है कि किसानों के लिए सरकार जो तीन काले कानूनों को लेकर आई है वो किसानों के साथ ज्यादती है। किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ आंदोलन करते हुए जिन जिन किसानों ने अपनी शहादत दिया है हम उनको नमन करते हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि किसानों के आंदोलन मे भागीदारी करते हुए 30 से ज्यादा किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है लगातार यह आंकड़ा बढ़ रहा है। हम इस सरकार की नीतियों का विरोध करते है और सभी शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देता हूं। उमेश तिवारी ने कहा कि अगर सरकार यह तीन काले कानून नहीं लाती तो आज किसान की ऐसी दुर्दशा नहीं होती। किसान इतनी ठिठुरन भारी सर्दी और करोना काल में अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है फिर भी सरकार की आंखें नहीं खुल रही है। जो किसान इस देश के लिए अन्न पैदा करता है आज वही किसान सड़क पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहा है। किसानों के हित में नये कृषि कानूनों को अविलम्ब निरस्त करने की मांग करता हूँ।
श्री तिवारी ने कहा है कि हम सरकार द्वारा किसानों की राय लिये बिना लाए गए तीनों किसान विरोधी कानूनों का विरोध करते हैं। केंद्र सरकार द्वारा धरनारत किसानों की बात न सुनना निंदनीय है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार दिया गया है, लेकिन लगता है कि सरकार संविधान में विश्वास नहीं रखती। कड़ाके की ठंड में किसान सड़कों पर हैं, लेकिन केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार किसानों से उनकी जमीन छीनने का षड्यंत्र रच रही है।
क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक श्री तिवारी ने कहा कि राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर और देशभर में देश का अन्नदाता किसान अपनी अस्मिता और अस्तित्व को कार्पोरेट शक्तियों का गुलाम बनाए जाने की साजिश के खिलाफ लामबंद है इसके साथ ही इस आंदोलन को बदनाम करने, कमजोर करने की सरकारी साजिशें भी तेज हो रही हैं, रातों रात खड़े किए गए तथाकथित किसानों के संगठनों की नौटंकी भी कुछ ऐसी ही है। ये भक्त मंडली के लोग हैं इनका मकसद सिर्फ जनता को भ्रमित कर सरकार के लिए समर्थन जुटाना है इस साजिश का पर्दाफाश होना चाहिए।
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