जानिए 7 वॉट के एल.ई.डी. और 60 वॉट के साधारण बल्ब में अंतर

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जानिए 7 वॉट के एल.ई.डी. और 60 वॉट के साधारण बल्ब में अंतर



जानिए 7 वॉट के एल.ई.डी. और 60 वॉट के साधारण बल्ब में अंतर


 
ऊर्जा सरंक्षण सप्ताह के समापन पर एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी, मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र, मध्य क्षेत्र और पश्चि‍म क्षेत्र विद्युत वितरण कपंनी ने राज्य मे बिजली उपभोक्ताओ नांगरिकों एवं बच्चों से अपील की है कि वे बिजली बचत पर विशेष ध्यान दें। बिजली कंपनियो ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण से पर्यावरण सुरक्षा, स्वंय के धन की बचत के साथ राज्य और राष्ट्र की प्रगति मे महात्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

घरों में उपयोग होने वाले उपकरणों का प्रयोग यथासंभव एक साथ न करें क्योंकि ऐसा करने से घर की वायरिंग में विद्युत क्षति बढ़ जाती है। सुबह एवं शाम 6 से 9 बजे तक अधिक भार वाले विद्युत उपकरणों का कम से कम प्रयोग करें क्योंकि यह समय अधिकतम विद्युत मांग का होता है। वार्षि‍क विद्युत खपत कर लगभग 9 प्रतिशत केवल प्रकाश व्यवस्था पर खर्च होता है। अत: विद्युत का उपयोग अति आवश्यक अवसरों पर करने पर विद्युत खर्च में लगभग 20 प्रतिशत की कमी की जा सकती है। दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करें तथा गैर-जरूरी पंखे, लाईट इत्यादि उपकरणों को बंद रखें। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे टी.वी. को स्टेण्डबाई मोड पर न रखने से एक वर्ष मे लगभग 70 युनिट विद्युत की बचत हो सकती है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी इफिशिएंसी द्वारा प्रमाणित कम से कम तीन सितारा चिंहित ऊर्जा सक्षम उपकरणों का क्रय करने से ऊर्जा खपत कम की जा सकती है।

कम्प्यूटर- यदि एक कंप्यूटर 24 घंटे चालू रखा जाए तो यह एक ऊर्जा दक्ष फ्रिज से अधिक विद्युत खर्च करता है। अत: उपयोग न होने पर कंप्यूटर बंद रखें। यदि कंप्यूटर को चालू रखना आवश्यक हो तो मॉनिटर अवश्य बंद रखें जो कि कुल ऊर्जा का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च करता है। एलईडी मॉनिटर का प्रयोग करें यह पारंपरिक सी.आर.टी. मॉनिटर की तुलना में कम ऊर्जा खर्च करता है। कंप्यूटर के मॉनिटर एवं कॉपीअर्स को स्लीप मोड में रखने से लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है।

एलईडी बल्ब - वर्तमान में एल.ई.डी बल्ब ऊर्जा बचत के लिये अति उत्तम विकल्प है। एल.ई.डी. बल्ब बार-बार चालू/बंद करने से उनकी उम्र पर असर नहीं पडता है। क 40 वॉट के साधारण बल्ब के प्रकाश के बराबर के प्रकाश के लिए 4 से 5 वॉट क्षमता के एलईडी बल्ब की आवश्यकता होती है। एल.ई.डी. बल्ब पंरपरागत बल्ब की तुलना में 10 गुना अधिक प्रकाश देते हैं एवं इनकी टिकाऊ होने की अवधि सामान्य बल्ब की तुलना में 10 गुना अधिक है।

भारत सरकार द्वारा ऊर्जा की बचत हेतु ‘’उजाला कार्यक्रम’’ के तहत साधारण बल्ब एवं सीएफएल को हटाकर एलईडी बल्ब घरेलू भवनों में लगाए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत नवम्बर-2019 तक 36.09 करोड़ एलईडी बल्ब पूरे देश में वितरित किए जा चुके हैं। वर्तमान में एलईडी बल्ब का उपयोग सड़क बत्ती (स्ट्रीट लाइट) में भी किया जा रहा है एवं एलईडी बल्ब के उपयोग से 50 प्रतिशत तक ऊर्जा बचत की जा सकती है।

रूफ टॉप सोलर पैनल-सौर ऊर्जा मिशन के पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत भारत सरकार के गैर-परंपरागत ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 100 किलोवाट से 500‍किलोवाट के रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। इसके लिये सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रही है। एक के.डब्ल्यू.एफ. रूफ टॉप पैनल के लिए सामान्यत: 100 वर्गफुट छत की आवश्यकता होती है। आवासीय घरों के लिए एक से पॉच के.डब्ल्यू.एफ. क्ष्रमता के पैनल पर्याप्त होते हैं।

फ्रिज-फ्रीजर की नियमित डीफ्रास्टिंग आवश्यक है। इसके अंदर के स्थान का पूर्ण उपयोग आवश्यक है किंतु भीतर खुली हवा के सरकुलेशन के लिए जग‍ह छोडना जरूरी है। इससे ऊर्जा की बचत होती है। इसके दरवाजे की गॉस्केट में लीकेज नहीं होनी चाहिए, जिसके कारण आपका फ्रिज हमेशा अधिक ऊर्जा खर्च करता है एवं बिजली का बिल अधिक आता है। इसके पीछे कन्डेंसर क्वाईल पर जमी धूल के कारण मोटर को अधिक कार्य करना पडता है एवं बिजली ज्यादा लगती है, अत: क्वाईल को नियमित साफ करें। इसको नार्मल मोड पर ही चलाएं। गर्म भोज्य पदार्थ कभी न रखें यह ऊर्जा की खपत बढ़ाते हैं। फ्रिज को ज्यादा ठंडा रखने की कोशिश न करें।

वाशिंग मशीन- हमेशा धुलाई पूरी कपड़ों से भरी हुई मशीन के साथ ही करें।जितनी पानी की आवश्यकता हो उतनी ही अपयोग करें। ऊर्जा की बचत हेतु टाइमर सुविधा का उपयोग करें।

सीलिंग फैन- वर्तमान में नियमित पंखो के स्थान पर बीईई फाईव स्टार रेटेड पंखे एवं उच्च दक्षता के पंखे (सुपर एफिशिएंट पंखे) उपलब्ध हैं जो कि ऊर्जा की बचत करने में सहायक होते हैं।

एयर कंडीशनर्स ( ए.सी.)- घर के आसपास हरियाली पेड़-पौधों की छांव रहने से एयर कंडीशनर्स द्वारा विद्युत की खपत में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। इसके एयर फिल्टर्स में धूल जमा होने पर हवा का बहाव कम हो जाता है। साफ फिल्टर्स से शीतलता शीघ्र प्राप्त होती है एवं बहुमूल्य ऊर्जा की बचत होती है। एक अच्छा एयर कंडीशनर लगभग 30 मिनट में एक कमरे को ठण्डक प्रदान कर देता है। अत: टाईमर का प्रयोग कर ए.सी. कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है। 25 डिग्री सेंटीग्रेड की सेटिंग पर न्यूनतम खर्च में अधिकतम आरामदेह वातानुकूलन प्राप्त होता है।थर्मोस्टेट की सेटिंग शीतकाल में 2 डिग्री कम एवं ग्रीष्मकाल में 2 डिग्री अधिक करने पर लगभग 900 किलो कार्बन डाय आक्साइड का उत्सर्जन कम किया जा सकता है।

ऊर्जा संरक्षण : मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा ऊर्जा संरक्षण हेतु मध्यप्रदेश में स्थापित लगभग सभी अति उच्चदाब उपकेन्द्रों में स्था‍पित पारंपरिक कंट्रोल पैनल में लगे संकेतक बल्बों को एल.ई.डी. लैम्पों और पारंपरिक बल्ब एवं ट्यूबलाइटों को भी एल.ई.डी. लैम्पों में बदला जा रहा है। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा अति उच्च दाब उपकेन्द्रों में यार्ड लाइटिंग में उपयुक्त सोडियम वेपर लैम्प एवं मर्करी लैम्प की जगह एल.ई.डी. बल्ब का उपयोग किया जा रहा है। इसी तरह मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा प्रदेश में स्थापित हो रहे नवीन अति उच्चदाब उपकेन्द्रों में प्रकाश के लिये एल.ई.डी. बल्बों को लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों (हरित ऊर्जा) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कंपनी द्वारा उच्चदाब उपकेन्द्रों में सोलर ऊर्जा रूफ टाप पैनल स्थापित किए गए हैं, जो सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं।

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