सीधी शहर में 6 साल के मासूम का किया था अपहरण,फिरौती मांगने वाले आरोपियों को आजीवन कारावास
जिला न्यायालय का कल अहम फैसला
सीधी
6 साल के मासूम का अपहरण कर 25-30 लाख रूपये फिरौती के रूप में मांग करने के सनसनीखेज मामले में आरोपियों को जिला न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सीधी द्वारा 05 आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास व 3000/- रूपये अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है।
जिला अभियोजन कार्यालय के मीडिया सेल प्रभारी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2018 के 9 अक्टूबर को शाम के 6 बजे रौनक कामदार पिता राकू उर्फ राकेश कामदार उम्र 6 वर्ष अपने घर सराफा बाजार सीधी में खेल रहा था, उसी दौरान 2 अज्ञात व्यक्ति अपने मुंह में कपडा बाधे हुए मोटर सायकिल से आये और बच्चे को जबरन उठाकर अपने मोटर सायकिल में बैठाकर ले गये। बाजार से वापस आ रहे बच्चे के पिता ने अपने बच्चे को मोटर सायकिल में दो अज्ञात व्यक्तियों के बीच में बैठा देखा, कुछ देर बाद अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अन्य अन्य फोन नंबर द्वारा फोन लगाकर बच्चे के पिता से 25 से 30 लाख रूपये की फिरौती की मांग करने लगे, तथा फिरौती की राशि न मिलने एवं पुलिस को सूचना देने पर बच्चे को जान से मार डालने की बात कर रहे थे।
फरियादी राकू उर्फ राकेश कामदार पिता मूलचन्द्र कामदार उम्र 35 वर्ष द्वारा थाना कोतवाली सीधी में उक्त घटना के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध करायी गयी, जिस पर पुलिस द्वारा धारा 363, 364ए, 34 भादवि अंतर्गत अपराध क्रमांक 956/18 दर्ज किया गया।
पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान अपराध में संलिप्त आरोपीगण धीरज मिश्रा पिता रविरशंकर उम्र 23 वर्ष निवासी जामा मस्जिद के पीछे सीधी, आनंद जायसवाल पिता रामसजीवन उम्र 19 वर्ष निवासी कुबरी थाना चुरहट, अंकित जायसवाल पिता राजभान उम्र 20 वर्ष निवासी सोनाखाड थाना कोतवाली सीधी, अनिल जायसवाल पिता सिद्धू उम्र 25 वर्ष निवासी कुबरी थाना चुरहट एवं अनिल जायसवाल पिता रामधारी उम्र 20 वर्ष निवासी रामगढ थाना कोतवाली को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस अधीक्षक सीधी द्वारा उक्त प्रकरण को जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण की श्रेणी में चिन्हित कर कार्यवाही में लिया गया। विवेचना पश्चात अभियोग पत्र तैयार किया जाकर न्यायालय सीधी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अपर सत्र न्यायालय के प्रकरण क्र. 185/18 मे शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती भारती शर्मा के मार्गदर्शन में अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी अतुल कुमार शर्मा एवं वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रशान्त कुमार पाण्डेय द्वारा की गई।
प्रकरण में कुल 16 अभियोजन साक्षियों के साक्ष्य कराये गये। लगभग 2 वर्ष के विचारण के उपरांत चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा कल बुधवार 30 दिसंबर को निर्णय पारित करते हुए धारा 363 भादवि में सभी आरोपीगणों को 07-07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रू. अर्थदण्ड एवं धारा 364 ए भादवि में सभी आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 2000/- रू. के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है।
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