धान खरीदी केंद्र में लुट रहे किसान,40 किलो की जगह 40 किलो 800 ग्राम की हो रही भर्ती
4 दिन से धान रखकर बिक्रय का कर रहे इंतजार
बड़े किसानों को तबज्जो, छोटे किसानों को किया जा रहा परेशान
सीधी
धान खरीदी केंद्रों में किसानों के साथ दोहरा व्यवहार किया जा रहा है। बड़े व रसूखदार किसानों की खरीदी केंद्रों में जहां आवभगत के साथ त्वरित तुलाई के साथ धान की खरीदी की जाती है, वहीं छोटे किसान अबनी धान विक्रय करने के लिए कई दिन तक इंतजार करने को मजबूर हैं।
कुछ ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय के न्यू गल्ला मंडी में संचालित धान खरीदी केंद्र सीधी खुर्द का सामने आया है। स्टार समाचार द्वारा कल धान खरीदी केंद्र सीधी खुर्द का भ्रमण कर जायजा लिया गया तो यहां चौकाने वाली स्थिति देखने को मिली। यहां कुछ छोटे किसान बीते तीन-चार दिनों से धान लेकर विक्रय के इंतजार में बैठे मिले, ऐसे किसानों के बाद में आने वाले बड़े व रसूखदार किसानों की धान की त्वरित तुलाई व खरीदी की जा रही है, लेकिन छोटे किसान अपनी धान तुलाई के लिए अनुुनय विनय कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुुनवाई नहीं हो रही है।
किसानों ने स्टार समाचार से अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि हमारी धान भी ज्यादा नहीं है और मोबाइल में मैसेज आने के बाद ही धान लेकर आए हैं, बावजूद इसके हमारी धान की तुलाई नहीं की जा रही है, जबकि जो बड़े व रसूखदार किसान बाद में धान लेकर आ रहे है, उनकी धान त्वरित खरीदी की जा रही है। खरीदी केंद्र प्रभारी द्वारा किसानों के साथ किए जा रहे इस दोहरे व्यवहार से छोटे किसानों में काफी नाराजगी देखने को मिली।
सीमित किसानों को बुलावा, फिर भी कई दिनों का इंतजार:-
धान खरीदी के लिए प्रतिदिन किसानों के मोबाइल पर भोपाल से मैसेज भेजा जाता है, मैसेज आने के बाद ही किसान खरीदी केंद्र में धान लेकर पहुंचते हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि भोपाल से मैसेज सीमित किसानों को ही भेजे जाते हैं, ताकि उनको धान विक्रय के लिए इंतजार न करने पड़े और उसी दिन उनकी धान की खरीदी सुनिश्चित हो जाए। इसके बावजूद धान खरीदी केंद्र सीधी खुर्द में छोटे किसानों को चार से पांच दिन का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
तुलाई के लिए सैकड़ों क्विंटल धान डंप:-
किसानों ने बताया कि सीधी खुर्द धान खरीदी केंद्र में करीब एक दर्जन छोटे किसानों की सैकड़ो क्विंटल धान विक्रय के लिए करीब चार से पांच दिन से डंप है। ज्यादातर किसान एक-दो दिन इंतजार करने के बाद धान यहीं छोड़ कर चले गए हैं, जबकि कुछ किसान दिन भर इंतजार करते हैं और शाम को वापस घर लौट रहे हैं। यहां बाद में आने वाले बड़े किसानों की त्वरित खरीदी हो रही है और छोटे किसानों की धान डंप पड़ी है। सबसे बड़ी बात यह है कि किसानों को एक बोरी में 40 किलो का ही भुगतान किया जाता है जबकि 40 किलो 800 ग्राम की बोरी में भर्ती की जाती है।
जब इस बारे में संबंधित कर्मचारी से स्टार समाचार की टीम ने चर्चा की तो बताया कि बोरे का बजन भी उसी में रहता है जबकि खाली बोरे का तोल कराया गया तो बोरे का वजन 530 ग्राम ही निकला आखिर जो भी 270 ग्राम की अधिक भर्ती की जा रही है वह किसानों कि नुकसान की भरपाई आखिर कौन करेगा ? इस तरह से धान खरीदी केंद्रों में किसानों को लूटा जा रहा है जिम्मेदार अधिकारी क्यों इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
किसानों ने बयां किया दर्द:-
भोपाल से मैसेज प्राप्त होने के बाद मैं 4 दिसंबर को 142 बोरी धान लेकर सीधी खुर्द धान खरीदी केंद्र में आ गया था, लेकिन आज तक मेरी धान की तुलाई नहीं की गई है, जबकि मेरे बाद आने वाले बड़े किसानों की धान त्वरित रूप से खरीदी कर ली गई। यहां किसानों के साथ दोहरा व्यवहार किया जा रहा है।
मोतीलाल कुशवाहा
किसान मड़वा
भोपाल से मैसेज प्राप्त होने के बाद मैं 7 दिसंबर को 100 बोरी धान लेकर आया था, आज बोला जा रहा है कि धान की तुलाई हो जाएगी। यहां बताया गया कि कुछ किसान बीते चार-पांच दिनों से धान लेकर बैठे हैं, लेकिन उनकी धान नहीं खरीदी जा रही है।
रामाश्रय यादव
किसान पटेहरा
नहीं अपनाया जा रहा दोहरा मापदंड:-
खरीदी केंद्र में किसानों के साथ दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जा रहा है, हमारे लिए छोटे-बड़े सभी किसान एक समान हैं। जहां तक बात किसान मोतीलाल कुशवाहा की है तो उनकी धान किनारे दब जाने से नहीं खरीदी हो पाई थी।
रमाकांत तिवारी
खरीदी केंद्र प्रभारी, सीधी खुर्द
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