हाई कोर्ट ने शुरू की महत्वपूर्ण व्यवस्था, कोविड-19 गाइड लाइन पर
जबलपुर।
14 दिसंबर से राज्य की अधीनस्थ अदालतों में सीमित भौतिक सुनवाई शुरू होगी। यह व्यवस्था पहले चरण में 9 जनवरी तक के लिए दी गई है। इस दौरान कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किए जाने पर बल दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र कुमार वानी ने पिछले दिनों उक्त आशय का परिपत्र जारी किया था। जिसमें साफ किया गया था कि सीमित भौतिक सुनवाई की व्यवस्था जिला अदालतों के साथ-साथ कुटुम्ब न्यायालयों में भी लागू होगी। इस अवधि में रिमांड, बेल, सुपुर्दगीनामा प्रकरणों के अलावा सिविल और क्रिमनल अपील व रिवीजन सुनी जाएंगी। विचाराधीन बंदियों के मामले भी सुनवाई के लिए रखे जाएंगे। पांच वर्ष से अधिक अवधि से लंबित सिविल व क्रिमनल मामले, मोटर दुर्घटना के क्षतिपूर्ति मामले, 125 0 128 सीआरपीसी के मामले भी सुने जाएंगे। किशोर न्याय बोर्ड संबंधी मामले भी इसी क्रम में सुने जाएंगे।
ध्यान रहे कि जिला बार, जबलपुर के पूर्व सचिव मनीष मिश्रा ने जिला अदालत खोले जाने पर बल दिया था। ऐसा न किए जाने पर आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी थी। इसके कुछ समय बाद ही हाई कोर्ट ने जिला अदालतों में प्रायोगिक भौतिक सुनवाई की व्यवस्था दे दी। इसी कड़ी में अब हाई कोर्ट की तरह सीमित भौतिक सुनवाई की व्यवस्था दी गई है। इसे एक बड़ी जीत माना जा रहा है। इससे उत्साहित होकर एमपी स्टेट बार कौंसिल के सदस्य हाई कोर्ट बार, जबलपुर के सचिव मनीष तिवारी ने हाई कोर्ट में भौतिक सुनवाई की मांग को लेकर फिर से प्रयास शुरू करने का निर्णय लिया है।
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