एक परिसर एक शाला का होगा संचालन:कुसमी विकासखण्ड़ की 189 शालाओं को
सीधी।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने जानकारी देकर बताया है कि आदिम जाति कल्याण विभाग अन्तर्गत 20 जिलों के 89 आदिवासी विकासखण्ड़ों में एक ही परिसर में विभिन्न स्तर की शालाएं पृथक-पृथक इकाई के रूप में संचालित हैं तथा उक्त विद्यालयों का शैक्षणिक एवं प्रशासकीय नियंत्रण अलग-अलग प्रधानाध्यापक/प्राचार्य के द्वारा किया जा रहा है। एक ही परिसर में स्थित विभिन्न विद्यालयों में उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक संसाधनों का अधिकतम और प्रभावी उपयोग एवं एक ही परिसर में संचालित आश्रम शालाओं/प्रथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी को एकीकृत विद्यालय के रूप में संचालित करनें से निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) के प्रावधान की पूर्ति के साथ ही विभिन्न शालाओं पर पृथक-पृथक होने वाले व्यय को एकीकृत करनें से समग्र रूप से राशि की बचत होगी। पूर्व में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित एक परिसर एक शाला के अनुरूप ही आदिम जाति कल्याण विभाग के एक ही परिसर में संचालित 10506 स्कूलों को एकीकृत कर 4746 शालाओं के रूप में संचालित किया जाना है।
सहायक आयुक्त ने बताया कि सीधी जिले में आदिवासी विकास विभाग अन्तर्गत कुसमी विकासखण्ड़ की 189 शालाओं को 82 शालाओं (एंकर शाला) के रूप में संचालित किया जाना है। 82 शालाओं में 55 माध्यमिक शाला, 17 हाई स्कूल एवं 10 उ.मा.वि. सम्मिलित हैं। एकीकृत शालाओं का संचालन/सम्पूर्ण प्रशासन एक ही प्राचार्य/प्रधानाध्यापक के नियंत्रण में रहेगा। एक परिसर एक शाला के क्रियान्वयन की प्रक्रिया अन्तर्गत एकीकृत शाला के आदेश एवं नामकरण, एकीकृत विद्यालय में संस्था प्रमुख/शैक्षणिक अमले की व्यवस्था, शाला प्रबन्ध परिसद का गठन, एकीकृत शाला के लेखे एवं अन्य प्रशासकीय/अकादमिक व्यवस्था तथा क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय समिति का गठन आदि प्रक्रिया पूर्ण करनी है।
सहायक आयुक्त ने बताया कि जिला स्तरीय समिति में कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सहायक आयुक्त , प्राचार्य डाईट एवं जिला परियोजना समन्वयक सम्मिलित होंगे। समिति के सचिव सहायक आयुक्त होंगे। एक परिसर एक शाला के क्रियान्वयन में कोई नीतिगत प्रश्न उद्भुत होता है तो समिति अपनें अभिमत सहित प्रस्ताव आयुक्त आदिवासी विकास को प्रेषित करेगी। एक परिसर एक शाला के विस्तृत दिशा निर्देश म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी कर समय सीमा में प्रक्रिया पूर्ण करनें के निर्देश दिये गये हैं, इस व्यवस्था के लागू हो जानें से जहाॅ एक ओर शैक्षणिक अमले की कमी दूर होगी वहीं दूसरी ओर अध्ययन अध्यापन सुचारू रूप से क्रियान्वित होगा।
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