क्राइम ब्रांच ने 12 ठिकानों पर मारे छापे, 1 गिरफ्तार
भोपाल(सुधांशू द्विवेदी)
भोपाल में नशे की लत में डूबे युवा जानलेवा इंजेक्शन को नशे के रूप में उपयोग कर रहे हैं। थोड़े से लालच में मौत की गर्त में ले जा रहे नशे के सौदागरों ने दर्द के ऐसे ही दो 2 इंजेक्शन को मिलाकर नया डोज तैयार किया है। महज 18 रुपए के इन दो इंजेक्शन को 170 रुपए में बेचकर युवाओं की नसों में जहर भरने वाले तस्करों के पकड़े जाने पर इसका खुलासा हुआ। क्राइम ब्रांच की टीम ने शनिवार सुबह से शुरू की कार्रवाई कर 4 लोगों को पकड़ा है। प्रतिबंध के बाद भी इंजेक्शन बेचने वाले मेडिकल संचालक को भी गिरफ्तार किया है। डीआईजी भोपाल इरशाद वली ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने शनिवार सुबह 6 बजे से विभिन्न इलाकों में दबिश दी। छोला, ऐशबाग, तलैया और हनुमानगंज समेत आधा दर्जन क्षेत्रों में पुलिस की टीमें लगातार दबिश देती रहीं। इस दौरान पुलिस ने 3 से अधिक लोगों को नशा करते रंगे हाथ पकड़ा। यह इंजेक्शन के माध्यम से नशा कर रहे थे। पूछताछ के बाद दोपहर तक पुलिस ने लालघाटी से मेडिकल संचालक अनिल बलवानी को भी गिरफ्तार किया। यही इंजेक्शन बेचता था। इसके अलावा छोला से 28 साल के रोहित कुचबंदिया, 19 साल के सुमित कुचबंदिया और ऐशबाग से आसिफ कुचबंदिया को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार यह दोनों इंजेक्शन डॉक्टरी सलाह के बाद ही ग्राहक को दिए जाते हैं। दोनों इंजेक्शन मार्केट में प्रतिबंधित हैं। यह केवल डॉक्टरी पर्चे पर ही मरीज को उपलब्ध कराए जाते हैं। इसमें एक इंजेक्शन एलर्जी के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि दूसरा इंजेक्शन मार्फिन है। यह बेहद दर्द में मरीज को सुलाने के लिए लगाया जाता है। इन दोनों इंजेक्शन के 2-2 एमएल का कॉम्बिनेशन मिलाकर दर्द के इंजेक्शन को नशे का डोज बना दिया जाता है। डॉक्टरों की मानें, तो इसे लेने के बाद आदमी 4 से 6 घंटे तक बेहद नशे में रहता है। उसे कुछ भी होश नहीं रहता है। वह अपने आप को हवा में उड़ता महसूस करता है। उसे रिलैक्स लगता है, लेकिन जरा भी ज्यादा लेने पर तत्काल मौत हो जाती है।
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