प्रदेश में गौ-वंश रक्षा को प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री चौहान

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प्रदेश में गौ-वंश रक्षा को प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री चौहान



प्रदेश में गौ-वंश रक्षा को प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री चौहान


• विशेषज्ञों के परामर्श से गौ-संरक्षण और गौ-संवर्धन के प्रयास

मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा कि प्रदेश में गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिये अधिकाधिक प्रयास किये जाएंगे। इस दिशा में प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाकर उसका मैदानी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गोपाष्टमी पर्व पर आगर-मालवा जिले में सालरिया स्थित गौ-अभ्यारण में विशेषज्ञों के साथ गौ-संवर्धन की प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र ही उसे अमल में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में गौ-वंश रक्षा भी शामिल है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर मध्यप्रदेश में गौ-संरक्षण और गौ-संवर्धन के प्रयासों को मूर्तरूप दिया जा रहा है। इस सिलसिले में जहां पूर्व में मुख्यमंत्री श्री चौहान की पहल पर मध्यप्रदेश में देश का प्रथम गौ अभयारण्य प्रारंभ हुआ, वहीं अब समाज की भागीदारी के साथ गौ-संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों को जमीन पर उतारा जाएगा। मध्यप्रदेश में गौ-कैबिनेट का गठन और गौ-अभयारण्य में गौ-सेवा विशेषज्ञों की भागीदारी के नवीन उपक्रम प्रारंभ हुए हैं। गौ-वंश रक्षा के लिए विशेषज्ञों के अनुभव का लाभ मध्यप्रदेश को मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में गौ-पालन और गौ-उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए गोपाष्टमी के दिन गौ-अभयारण्य जाकर वहां गौ-पूजन का निर्णय लिया है। देशी नस्ल की गायों को गौ-पालन में बढ़ावा देने, गौ-काष्ठ लकड़ी को बेहतर विकल्प के रूप में प्रचारित कर उपयोग में लाने, गौ-दूध से विभिन्न सामग्री का निर्माण और बिक्री, गौ-मूत्र उत्पादों को बढ़ावा और गौ-अभयारण्य आधुनिक गौ-अनुसंधान केन्द्र प्रारंभ करने के कार्यों को प्राथमिकतापूर्वक किया जाएगा। इन प्रयासों से कृषि क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा। किसानों और पशुपालकों के आर्थिक उन्नयन का मार्ग प्रशस्त होगा।

प्रदेश में ऐसे गौ-वंश जो गांवों और खेतों से भटकते हुए अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं, उनके आश्रय के लिए गौ-शालाएं और शेड भी निर्मित किए जा रहे हैं। स्व-सहायता समूहों को गौ-शालाओं के रख-रखाव का दायित्व दिया जा रहा है। गौ-वंश रक्षा के लिए मुख्यमंत्री गौ-शाला योजना में किसान कल्याण और कृषि विभाग और पशुपालन विभाग आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाता है। चारागाह विकास, गौ-शालाओं में पेयजल प्रबंध के लिए बोरवेल और निकट क्षेत्र में सरोवर निर्माण के प्रयास भी बढ़ाए जाएंगे।

• छह विभागों की प्रमुख सहभागिता

गौ-कैबिनेट के निर्णयों के क्रियान्वयन के लिए कृषि, पशुपालन, वन, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, गृह विभाग की प्रमुख सहभागिता रहेगी। गौ-कैबिनेट के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान हैं। सदस्यों में मंत्रीगण डॉ. नरोत्तम मिश्र, श्री कुंवर विजय शाह, श्री कमल पटेल, डॉ. महेन्द्र सिंह सिसोदिया और श्री प्रेम सिंह पटेल शामिल हैं।

• मुख्यमंत्री श्री चौहान जाएंगे गौ-अभयारण्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार, 22 नवम्बर को आगर-मालवा जिले में सालरिया स्थित गौ-अभ्यारण का निरीक्षण करने जाएंगे। अभ्यारण में प्रमुख गौ-सेवा विशेषज्ञों के साथ गौ-संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में विस्तृत चर्चा होगी।

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