लोकतंत्र के लिये नासूर है भ्रष्टाचार: सुधांशु द्विवेदी
भोपाल।
सुविख्यात चिंतक और अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार सुधांशु द्विवेदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिये नासूर की तरह है. जो मानवीय संवेदनाओं और लोक सरोकारों को कमजोर कर रहा है. सार्वजनिक जीवन में सक्रिय सेवा भावी, संवेदनशील और जनहितैषी लोगों के अग्रणी योगदान की बदौलत भले ही संपूर्ण व्यवस्था संचालित हो रही है लेकिन भ्रष्ट और गैर जवाबदेह लोगों के कारण देश की एकता और अखंडता के लिये भी जो खतरा बढ़ रहा है उसके लिये भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का लचर क्रियान्वयन प्रमुखता के साथ जिम्मेदार है. उन्होंने यह भी कहा है कि भारत सहित विश्व के दूसरी लोकतांत्रिक देशों में भी भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन होना चाहिए और भ्रष्टाचारियों व रिश्वतखोरों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. ताकि लोकतंत्र की साख कायम रह सके.
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