प्रदेश में मिलावटखोरी के विरूद्ध चलाया जाएगा सघन अभियान, होगी कठोर कार्यवाही
• मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खाद्य सुरक्षा प्रशासन की बैठक ली
मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि सुशासन के अंतर्गत जनता को शुद्ध सामग्री उपलब्ध कराना हमारा कर्तव्य है। इसके लिए प्रदेश में मिलावटखोरों एवं नकली सामग्री निर्माण एवं विक्रय करने वालों के विरूद्ध सघन अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि अभियान के अंतर्गत नकली एवं मिलावटी सामग्री निर्माण एवं विक्रय करने वालों की जड़ पर प्रहार किया जाए तथा उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए, जिससे प्रदेश में कोई भी नकली सामग्री बनाने व विक्रय करने से डरे।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा आदि उपस्थित थे।
• ईमानदारी से व्यापार करने वालों को परेशानी न हो
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि अभियान के अंतर्गत इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि ईमानदारी से व्यापार-व्यवसाय करने वालों को कोई परेशानी न हो। वे निर्भय होकर अपना व्यापार-व्यवसाय करें।
• जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को ना बख्शें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बहुत बड़ा अपराध है, ऐसे व्यक्तियों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने भोपाल में नकली घी के विरूद्ध कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में इस प्रकार की कार्रवाई होनी चाहिए।
• प्रकरण प्रस्तुत करने में समय न लगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि खाद्य सामग्री के सैंपल लिए जाने से उनकी लैब द्वारा जाँच तथा नकली पाए जाने पर रिपोर्ट को न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने की प्रक्रिया में विलंब नहीं होना चाहिए, जिससे अपराधी को समय पर सजा मिल सके।
• 9 चलित प्रयोगशालाएं भी संचालित होंगी
खाद्य सामग्री की जाँच के लिए प्रदेश में 09 चलित प्रयोगशालाएं भी संचालित की जाएंगी, जो मौके पर ही खाद्य सामग्री की जाँच कर उसकी रिपोर्ट दे सकेगी। प्रदेश की खाद्य सामग्री जांच प्रयोगशालाओं की प्रतिमाह 1000 नमूने टेस्टिंग क्षमता है। क्षमता बढ़ाए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए।
• इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में तीन नवीन प्रयोगशालाएं
भारत सरकार के वित्त पोषण से प्रदेश में शीघ्र ही तीन नवीन प्रयोगशालाओं का निर्माण इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में किया जाएगा।
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