कोरोना वायरस से पैंक्रियाज हो रहा प्रभावित,जानिए क्या कह रहे हैं डॉक्टर
रायपुर।
कोरोना से ठीक होने के बाद लोग कई तरह की बीमारियों की शिकायत कर रहे हैं और इनके इलाज के लिए पोस्ट कोविड ओपीडी खोलनी पड़ी है, लेकिन रायपुर में पिछले एक हफ्ते में नया ट्रेंड यह है कि जिन्हें कभी शुगर नहीं थी, कोविड से ठीक होने के बाद वे शुगर के मरीज हो गए हैं। इनमें युवाओं के साथ-साथ हर वर्ग के मरीज हैं। अंबेडकर में खुली प्रदेश की एकमात्र पोस्ट कोविड ओपीडी के आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना से स्वस्थ होने के बाद कई तरह की शिकायतें लेकर पहुंच रहे हर पांचवें व्यक्ति (20 प्रतिशत से अधिक) में शुगर बहुत बढ़ा हुआ मिला है। कोरोना कोर कमेटी के सदस्य डॉ. आरके पंडा का कहना है कि कोरोना वायरस से पैंक्रियाज प्रभावित हो रहा है, इसलिए शरीर में इंसुलिन कम बन रही है और ग्लूकोज बढ़ रहा है। अंबेडकर में पोस्ट कोविड ओपीडी के डाक्टरों का कहना है कि रोजाना पोस्ट कोविड लक्षणों से साथ पहुंच रहे लोगों में से 5 से 8 तक लोगों की शुगर बढ़ी हुई आ रही है। यह सारे मरीज बता रहे हैं कि उन्हें इससे पहले शुगर नहीं थीि। इस आधार पर डॉक्टरों ने पड़ताल शुरू की है। फिलहाल यह नतीजा निकाला गया है कि कोरोना खून में शुगर लेवल भी बढ़ाता है। इसलिए जिन्हें डायबिटीज नहीं थी, उनका शुगर लेवल बढ़ गया है और पहले ही शुगर के मरीज थे, उन्हें ज्यादा दवाइयां देनी पड़ रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना होने के बाद सामान्य की तुलना में डायबिटीज वाले मरीजों को खतरा तीन गुना से ज्यादा है। इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल मेटाबॉलिज्म में छपी स्टडी का हवाला देते हुए कार्डियक सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल ने बताया कि कोरोना वायरस पैंक्रियाज को प्रभावित करता है। इससे पैंक्रियाज के बीटा सेल में बनने वाले इंसुलिन की क्षमता प्रभावित होती है। इस कारण किसी मरीज में इंसुलिन बनना कम हो जाता है तो किसी में पूरी तरह से बनना बंद हो जाता है। ऐसे मरीजों को दवा लेने की जरूरत होती है। कुछ को इंसुलिन लेना पड़ता है तो किसी को दवा की डोज बढ़ानी पड़ती है। वायरस शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है। फेफड़े से लेकर हार्ट, ब्रेन, खून की नसों को भी प्रभावित कर रहा है। यही कारण है कि राजधानी ही नहीं देश में पोस्ट कोविड के मरीज बढ़ गए हैं।
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