मझौली के ग्राम जोबा में धान के खेत में मिला मानव कंकाल गाँव मे फैली सनसनी ,तीन-चार माह से गायब है पूर्व सरपंच

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मझौली के ग्राम जोबा में धान के खेत में मिला मानव कंकाल गाँव मे फैली सनसनी ,तीन-चार माह से गायब है पूर्व सरपंच



मझौली के ग्राम जोबा में धान के खेत में मिला मानव कंकाल गाँव मे फैली सनसनी ,तीन-चार माह से गायब है पूर्व सरपंच



सीधी- मझौली।

मामला मझौली थाना क्षेत्र अंतर्गत जोबा गांव का है जहां धान की फसल काटते धान के खेत में ग्रामीणों द्वारा नर कंकाल देखा गया । जिससे क्षेत्र में खलबली मची हुई है क्योंकि यहां के पूर्व सरपंच तीन-चार माह पूर्व से गायब है। जिसकी सूचना कहीं भी दर्ज नहीं कराई गई है जिससे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नारायण शुक्ला के खेत में धान काटने मजदूर गए हुए थे जहां पर मानव कंकाल के छोटे छोटे टुकड़े इधर - उधर विखरे अन्य कंकाल भी देखे गए जिसकी जानकारी गांव में दी गई गांव वालों के द्वारा क्षेत्रीय पत्रकारों को दी गई पत्रकार द्वारा पुलिस थाना मझौली को सूचित किया गया जहां पर थाना प्रभारी सतीश मिश्रा अपने दलबल के साथ पहुंचे साथ में डॉक्टर राकेश तिवारी भी पहुंचे जहां पर खेत में खेत में फैले हुए कंकालों को पंचनामा उपरांत कार्टून में एकत्रित करा कर रखा गया है मामला चाहे जो कुछ भी हो पर इस तरह से खेत में मानव कंकाल का मिलना क्षेत्रीय लोगों में खलबली मचा रखा है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान सरपंच जोबा कैलाश सिंह के चाचा पूर्व सरपंच जवाहर सिंह पिता गजाधर सिंह उम्र लगभग 50 वर्ष निवासी जोबा करीब तीन-चार माह से लापता है जिसकी गुमशुदगी की सूचना दर्ज नहीं कराई गई है जिस समय वह यहां से लापता हुए थे अकेले ही रहते थे इनके दो पुत्रियां हैं जिनकी शादी कई वर्ष पूर्व हो चुकी है एक बालक है जो पवन लगभग 6 वर्ष से गांव नहीं आ रहा है। जिसका दिल्ली में रहने की पता चल रहा है जिस संबंध में क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं मामला चाहे जो कुछ भी हो पर पूर्व सरपंच के लापता होने की सूचना दर्ज ना कराया जाना उनके सगे संबंधियों पर सवालिया निशान लगा रहा है ।अब देखना होगा कि ऊर्जावान थाना प्रभारी मझौली को इस घटना में कहां तक कामयाबी प्राप्त हो सकती है फिर भी प्रथम दृष्टया कंकाल 40 से 50 वर्ष के उम्र के होने की संभावना व्यक्त की गई है वही पास में पड़ी जरकिन एवं झाड़ में टँगे कपड़े के माध्यम से पुलिस को पता लगाने में कुछ सहूलियत मिल सकती है

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