दिवाली के साथ ही शुरू हुआ कलेक्टर कार्यालयों से दलालों की सफ़ाई का अभियान,आठ व्यक्तियों के विरूद्ध जमानती वारंट जारी

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दिवाली के साथ ही शुरू हुआ कलेक्टर कार्यालयों से दलालों की सफ़ाई का अभियान,आठ व्यक्तियों के विरूद्ध जमानती वारंट जारी




दिवाली के साथ ही शुरू हुआ कलेक्टर कार्यालयों से दलालों की सफ़ाई का अभियान,आठ व्यक्तियों के विरूद्ध जमानती वारंट जारी


इंदौर 

      दिवाली के साथ ही इंदौर ज़िले के सभी शासकीय कार्यालयों में दलालों की किसी भी तरह की अवांछित आवाजाही सख़्ती से बंद होने वाली है। कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। आज अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्री अजय देव शर्मा के न्यायालय द्वारा आठ व्यक्तियों के ख़िलाफ़ ज़मानती वारंट जारी किया गया है। इंदौर ज़िले में कलेक्टर कार्यालय एवं अन्य कार्यालयों में दलालों एवं बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के लिए कलेक्टर श्री मनीष सिंह के आदेश पर एडीएम तथा एसडीएम एवं नगर निगम के अधिकारियों के संयुक्त दल द्वारा बंसी ट्रेड सेंटर हुकम चंद घंटाघर इंदौर के सेकंड फ़्लोर में स्थित एम.पी. ऑनलाइन के कार्यालय में आकस्मिक जाँच की गई थी। पूछताछ करने पर और इस कार्यालय के निरीक्षण करने पर टीम को ज्ञात हुआ कि इस ऑफ़िस में एम.पी. ऑनलाइन से संबंधित कार्यों की आड़ में बड़े पैमाने पर दलाली का कारोबार पनप रहा है। कलेक्टर कार्यालय, नगर निगम, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग इंदौर विकास प्राधिकरण के कार्यालयों से संबंधित कुछ दस्तावेज़ यहाँ पाए गए थे।
      एडीएम अजय देव शर्मा ने बताया है कि जाँच दल के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में छानबीन करने पर पाया गया की शुभम  जैन, संदीप पटेल पिता प्रेमनारायण पटेल, संदीप भावसार पिता प्रहलाद दास भावसार, केतन सोनी पिता तुलसीदास सोनी, बनवारी जितेश ग़ौर पिता रामनिवास, कमल वीरमानी और निर्मल नरेडी की भूमिका पाई गई है। पक्षकारों एवं आवेदकों को गुमराह कर उनके कार्यों को कराने का ज़िम्मा इनके द्वारा लिया जाता है। वर्तमान परिस्थिति में इनके एवं पक्षकारों के मध्य वाद विवाद की संभावना निर्मित हो गई है। एवं इससे शांति भंग भी हो सकती है ऐसी परिस्थिति में इनके विरुद्ध प्रक्रिया संहिता की धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। इनकी उपस्थिति हेतु एडीएम न्यायालय द्वारा गिरफ़्तारी (ज़मानती )वारंट जारी कर दिया है कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा ज़िले के सभी अपर कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधीनस्थ राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कार्यों के निरंतर समीक्षा करें और आवेदकों के कार्य सरलता से होना सुनिश्चित करें।

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