जन शिक्षण संस्थान में राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ ग्रहण आयोजित
सीधी ।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित जन शिक्षण संस्थान सीधी के सभागार में सरदार बल्लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन किया गया।
संस्थान के संस्थापक राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने अपने संदेश में कहा है कि भारत एक संप्रभुता सम्पन्न राष्ट्र है जिसकी एकता, अखण्डता की जिम्मेदारी प्रत्येक नागरिक की है जिसे कायम रखने के लिए देश के अनेक वीरों ने समय-समय पर अपनी सहादत दी है। आज का दिवस उन्हें भी स्मरण करने का दिवस है जब देश की एकता एवं अखण्डता के लिए हमारी प्रधानमंत्री आयरन लेडी श्रीमती इन्दिरा गांधी की राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता के समर्पण में सहादत देनी पड़ी। देश आज उन्हें भी याद कर रहा है।
राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने सरदार पटेल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल का जीवन अटल इरादों और दृढ इच्छा शक्ति का एक सम्पूर्ण उदाहरण है। सरदार पटेल राष्ट्र के गृहमंत्री रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय एकता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया, उनके द्वारा भारतवर्ष की 562 रियासतों के विलय के लिए किये गये उनके प्रयास को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। सरदार पटेल सच्चे मायने में भारत के बिस्मार्क थे।
इस अवसर पर संस्थान द्वारा संस्थान के कर्मचारियों, अनुदेशकों एवं प्रशिक्षणार्थियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित आर.डी.बर्मा ने कहा कि एकता का यह विषय केवल राष्ट्र के परिपेक्ष्य में ही नहीं बल्कि हमारे घरों, गॉवों और हमारे समाज को एकजुट करने के लिए भी आवश्यक है। अतः हमें इस एकता को अक्षुण बनाये रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने घर, गॉव और समाज को एकजुट बनाने के लिए दृढ संकल्पित हों।
निदेशक जय सिंह ने कहा कि हम सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर ली गई शपथ को याद रखते हुए राष्ट्रीय एकता के प्रति अपने कर्तब्य निर्वहन हेतु सदैव तत्पर रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी बृजेन्द्र सिंह द्वारा सरदार पटेल को याद करते हुए उनके द्वारा अखण्ड भारत के निर्माण हेतु दिये गये योगदान को अविश्मरणीय बताते हुए सरदार पटेल को कभी हार न मानने वाले योद्धाओं में से एक बताया गया। शपथ ग्रहण समारोह में महेन्द्र सिंह, सुमन सिंह, बृजेश सिंह, सोभनाथ साहू, अयनवीर सिंह, रूचि सिंह, अमिता द्विवेदी, भागवत प्रसाद, रविराज कोरी, आदि की भूमिका सराहनीय रही।
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