ज्ञापन देने पहुंचे कोविड कर्मचारी,कलेक्टर की रोंकी गाड़ी, सीधी विधायक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी
सीधी।
हम आजाद भारत में रहते हैं जहां हमें अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए विरोध करने का अधिकार प्राप्त है लेकिन वही विरोध जब अभद्रता और अश्लीलता पर आ जाता है तो मामला बिगड़ जाता है।
यही नजारा बीते कल शनिवार को जिला पंचायत में देखने को मिला जहां कोविड-19 के कर्मचारी ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे इसी दरमियान कुछ कर्मचारी अभद्रता पर उतारू हो गए जिससे मामला गरिमा के खिलाफ हो गया। इस दौरान कलेक्टर की गाड़ी के सामने अवैध तरीके से पेश आने के साथ विधायक के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणी की गई।
कलेक्टर की गाड़ी रोकने की कोशिश
करीब एक सैकड़ा कोविड-19 के कर्मचारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जिला पंचायत कार्यालय में ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे। बताया गया कि उस समय जिला पंचायत कार्यालय में मीटिंग चल रही थी जहां मीटिंग में कलेक्टर समेत सांसद एवं विधायक मौजूद थे। मीटिंग खत्म होने के बाद सांसद के बाहर निकलने पर कोविड-19 के कर्मचारी ने सीधी सांसद रीति पाठक को ज्ञापन सौंपते हुए नियमितीकरण की मांग करने लगे। सांसद ने उनको आश्वासन दिया कि इस पर पहल की जाएगी।
इसी दरमियान सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला बाहर निकले तभी कुछ कोविड-19 के कर्मचारी अश्लील भाषा का इस्तेमाल करने लगे थे विधायक श्री शुक्ला ने कोविड-19 को कर्मचारियों को आश्वासन देते हुए कहा कि प्रशासन स्तर से बात की जाएगी।
लेकिन जिला पंचायत में अफरा-तफरी तब मच गई जब जिले के कलेक्टर रवींद्र चौधरी मीटिंग खत्म करके जैसे ही गेट के बाहर निकले कोविड-19 के कर्मचारियों ने अपना ज्ञापन सौंपा, वहीं 2 दर्जन की संख्या में महिला कर्मचारी कलेक्टर की गाड़ी के सामने आकर खड़े हो गईं और नारेबाजी करने लगीं। इस घटनाक्रम के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी हरकत में आए और मोर्चा संभालते हुए और तत्काल समझा कर सभी कर्मचारियों को साइड हटाया। कोविड-19 कर्मचारियों की अभद्रता यहीं नहीं रुकी उन्होंने पूरे मामले की कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ भी अभद्र व्यवहार करने की कोशिश की जिससे पूरा मामला अलग ही हो गया था।
कर्मचारियों की ये रही मांगे
कोविड-19 के कर्मचारी नियमितीकरण करने की मांग कर रहे थे। इन कर्मचारियों का कहना है कि अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना काल में हमने अपनी सेवाएं दी है परंतु अब सरकार बाहर कर रही है यह बहुत बड़ा धोखा है।
इस दौरान सैकड़ों की संख्या में कोविड-19 के कर्मचारी उपस्थित थे
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