ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने बेहतर कार्य करें : एसीएस डॉ. राजौरा,मध्यप्रदेश सड़क सुरक्षा
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने मध्यप्रदेश सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सड़क सुरक्षा संबंधी नोडल एजेंसियों को दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये चिन्हांकित ब्लैक स्पॉट्स को समन्वयपूर्वक बेहतर कार्य कर दूर करने के निर्देश दिये। बैठक में पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पीटीआरआई) को सड़क सुरक्षा के लिये 16 करोड़ रूपये के बजट आवंटन के समुचित उपयोग पर सहमति व्यक्त की गई। बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री नीरज मण्डलोई, सीईओ एमपीआरआरडीए श्री शशांक मिश्रा एवं अन्य विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के प्रारंभ में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई श्री डी.सी. सागर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित रोड सेफ्टी कमेटी के निर्देशों से समिति सदस्यों को अवगत कराया। बैठक में सड़क दुर्घटना के कारणों पर चर्चा करते हुए दुर्घटनों में कमी लाने और रोकथाम के लिये किये गये उपायों की समीक्षा की गई। डॉ. राजौरा ने सड़क सुरक्षा कोष को नॉन लेप्सेबल फण्ड बनाने और मोटर व्हीकल एक्ट 135 के तहत क्रेश इन्वेस्टीगेशन स्कीम को लागू कर गजट नोटिफिकेशन करने के लिये आवश्यक कार्यवाही के निर्देश कमेटी को दिये। सड़क दुर्घटना पीड़ितों को उपचार की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये निजी अस्पतालों के लिये कार्य करने वाली एम्बुलेंस की भी मैपिंग करने के लिये आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवहन विभाग के नोडल अधिकारियों को दिये गये। बैठक में ब्लैक स्पॉट के अतिरिक्त दुर्घटना संभावित क्षेत्रों तथा दुर्घटनाजनित क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें दुरूस्त करने की कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए गए।
एसीएस डॉ. राजौरा ने मध्यप्रदेश को सड़क आवागमन के लिये सुरक्षित बनाने के लिये सभी नोडल एजेन्सियों को समन्वयपूर्वक बेहतर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की समीक्षा कर दुर्घटनाओं में कमी लाने के संबंध में उपाय से संबंधित समीक्षात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। बैठक में परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया कि पुलिस विभाग द्वारा ड्रायविंग लायसेंस निलम्बन हेतु प्रेषित प्रस्तावों पर निलम्बन की कार्यवाही प्रभावी रूप से करें। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2020 में माह जनवरी से अक्टूबर तक की स्थिति में 35456 में 8379 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है तथा 36666 लोग घायल हुये है। डॉ. राजौरा ने चिंता व्यक्त करते हुए इनकी रोकथाम के लिये सशक्त प्रयास करने के निर्देश दिये। साथ ही लॉकडाउन के दौरान भी हुई सड़क दुर्घटनाओं का समीक्षात्मक विश्लेषण करने के निर्देश दिए।
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