महर्षि बाल्मीक जाति,कुल,वंश से परे, त्रिकाल दर्शी थे: इंद्र शरण

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महर्षि बाल्मीक जाति,कुल,वंश से परे, त्रिकाल दर्शी थे: इंद्र शरण



महर्षि बाल्मीक जाति,कुल,वंश से परे, त्रिकाल दर्शी थे: इंद्र शरण 


सीधी।
रामायण के रचियता,लव कुश के पालनहार और गुरु महर्षि बाल्मीकि जाति,शान्ति,कुल,वंश से सर्वोपरि त्रिकाल दर्शी महर्षि थे।रामायण के रूप में विश्व की धरोहर है।
उक्त विचार अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा आयोजित महर्षि बाल्मीकि जयंती पर भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्र शरण सिंह चौहान ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए व्यक्त किए। 
श्री चौहान ने कार्यकर्ताओं से रामायण के दोहे, चौपाई को पढ़ने की अपील करते हुए दोहे,छंद और चौपाइयों के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि और रामायण की महत्ता पर व्यापक प्रकाश डाला।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्री चौहान वर्तमान परिस्थितियों और धर्मांतरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि धर्मांतरण से राष्ट्रान्तरण होता है। इसलिए प्रत्येक हिंदू को सजग,चौकन्ना और जागरुक रहने की आवश्यकता है। भारत में निवास करने वाला प्रत्येक व्यक्ति भारत माता का सपूत है,इसलिए भेद भाव नहीं होना चाहिए।
अध्यक्षीय उद्बोधन में मोर्चे के जिलाध्यक्ष शिवदान साकेत ने महर्षि द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन मंडल के महामंत्री मुनिराज विश्वकर्मा तथा आभार प्रदर्शन शिवलाल साकेत ने किया।
कार्यक्रम को जिला महामंत्री डॉ देवेन्द्र त्रिपाठी,रविचंद्र सिंह परिहार,शत्रुघ्न तिवारी,प्रमोद द्विवेदी,सुरेंद्र मणि दुबे,धर्मेंद्र शुक्ला,देव कुमार सिंह,सुनीता रानी वर्मा, पूनम सोनी, उत्तरा वर्मा ने भी संबोधित किया।
 इस अवसर पर अजय चौबे,पंकज पांडे, बाबू लाल कुशवाहा,आशा शुक्ला,नरेंद्र गौतम,अजीत पांडे, मनोज तिवारी,राजेंद्र साकेत,दीनबंधु साकेत,अजय साकेत,बृजेंद्र साकेत,संतोष साकेत,सूरज गुप्ता,विक्रांत सोनी,उत्कर्ष यादव,श्यामसुंदर साकेत, छोटेलाल कोरी,भोला साकेत,हरिकेश साकेत,अजय साकेत,दीनबंधु साकेत,सुन्दर साकेत सहित सैकड़ों पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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