प्रदेश में इस वर्ष जनजाति वर्ग के 5351 हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिये ऋण देने
विशेष पिछड़ी जनजाति के लिये 5 कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना
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प्रदेश में जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना संचालित की जा रही है। इस वर्ष इन योजनाओं में 5351 हितग्राहियों को स्वरोजगार के लिये ऋण दिलाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। पिछले वर्ष इन योजनाओं में 3747 प्रकरणों में करीब 92 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया था।
जनजाति वर्ग के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रदेश में मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्यमंत्री कौशल्या संवर्धन योजना संचालित की जा रही है। इसके अन्तर्गत पिछले वर्ष 5 हजार अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया गया। युवाओं के प्रशिक्षण पर 20 लाख रूपये की राशि व्यय की गई।
आदिम जाति कल्याण विभाग के संस्थान मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान मैपसेट द्वारा जनजाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिये विभिन्न तकनीकी एवं व्यावसायिक क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से 15 हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिलाया गया। प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं के प्लेसमेंट की कार्यवाही निरन्तर की जा रही है।
5 कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना
प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया के युवाओं में कम्प्यूटर कौशल विकसित करने के लिये 5 कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना मंडला, डिंडौरी, छिंदवाडा, शहडोल एवं शिवपुरी में की जा रही है। प्रति केन्द्र की क्षमता 100 विद्यार्थियों की होगी। इन केन्द्रों की स्थापना पर 30 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जा रही है।
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