अन्यायी व्यवस्था को जन आंदोलनों से नेस्तनाबूद करने का इतिहास रहा है: उमेश, 26 को आंदोलन में पहुंचने की अपील
सीधी।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुरूप हनुमानगढ़ में विशाल किसान आंदोलन संपन्न हुआ। आंदोलन स्थल पर जवाबदेह जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन पत्र की जन समस्याओं के समाधान हेतु 28 नबम्बर को हनुमानगढ़ में शिविर लगाने, पटवारी अपने हल्का में पहुंच कर किसान सम्मान निधि से छूटे किसानों का नाम जोड़ेंगे तथा महान नहर का पानी इस सीजन में भोलगढ़ अकौरी में पहुंचने समाधान कारक निर्णय के बाद किसान आंदोलन शाम 6 बजे समाप्त किया गया।
आंदोलन में पहुंचे किसानों को संबोधित करते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि भाजपा एवं कांग्रेस के दलालों द्वारा आंदोलन स्थल पर आप नहीं पहुंचे इसके लिए जेल मुकदमा सहित कई प्रकार से डराने का प्रयास किया गया बावजूद इसके आप हजारों की संख्या में यहां पहुंचे हैं आपका धन्यवाद है। इन दलालों को बताना चाहता हूं कि यह जान लें कि पूरी दुनिया का इतिहास लोगों के संघर्ष का इतिहास रहा है ना कि शासकों का। इज्जत से जीवन जीने की चाह और विभिन्न तरह के भेदभाव अत्याचार गरीबी से लड़ने की सफल और असफल कोशिशों के बदौलत हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं। जन आंदोलनों ने मजबूत से मजबूत निरंकुश ताकतों को पीछे हटने और नेस्तनाबूद करने का काम किया है। दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अंग्रेजी सत्ता को जन आंदोलनों से ही परास्त किया गया है।
श्री तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार के किसान एवं मजदूर विरोधी बनाये गए कानून के विरोध में 26 एवं 27 नबम्बर को दिल्ली में आंदोलन किया जा रहा है तथा इसी आंदोलन के समर्थन में 26 नबम्बर को सीधी में आंदोलन होगा इन आंदोलनों में आप अवश्य पहुंचे। श्री तिवारी ने ज्ञापन पत्र की मांगों पर बोलते हुए कहा कि हमारा ज्ञापन 5 बिंदुओं का है, हमारी मांगे हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि से छोड़े गए किसानों का नाम कैंप लगाकर जोड़ा जाए। कंप्यूटरीकरण के दौरान राजस्व अभिलेखों में की गई गलती का सुधार किया जाए महान नहर का पानी भोलगढ़, अकौरी, हनुमानगढ़ तक इस सीजन में पहुंचाया जाए, जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसानी पर 3 दिन में मुआवजा दिया जाए। आंदोलन को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रामचरण सोनी ने कहा की यह व्यवस्था किसान, मजदूर, नौजवान, महिला विरोधी है इसे उखाड़ फेंकना जरूरी है। राजकुमार तिवारी ने कहा कि कोई भी सरकार हो वह जल जंगल जमीन की लूट की छूट उद्योगपतियों को देती है।
आर्यन पावर कंपनी के अधिग्रहण के विरोध की अगुवाई करने वाले शिव कुमार सिंह ने कहा कि लडाई पूंजीवादी व्यवस्था जो चल रही है उसके खिलाफ तेज करने का समय आ गया है। प्रभात वर्मा ने कहा कि मैं यहां ज्ञापन पत्र की पांच मांगों का समर्थन करने आया हूं और आप के संघर्ष में अंतिम दम तक साथ रहूंगा। आंदोलन को मोहम्मद सरीफ, रामविशाल विश्वकर्मा, विश्राम यादव, महावीर यादव , मोहन मिश्रा, शिवकुमार सिंह, महादेव सिंह, श्रवण साहू, विजय द्विवेदी, सत्य नारायण पांडेय, जगबीर यादव, जितेंद्र साकेत, वीरेंद्र सिंह, अरविंद यादव, भूखन सिंह, प्रशांत गुप्ता आदि ने संबोधित किया। किसान आंदोलन की सभा का संचालन शुभम पांडेय अध्यक्ष युवा जन शक्ति समिति द्वारा किया गया।
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