सीधी:राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का आयोजन 23 से 29 नवंबर तक

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सीधी:राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का आयोजन 23 से 29 नवंबर तक



सीधी:राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का आयोजन 23 से 29 नवंबर तक

नवजात शिशु की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार तथा समानता और गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए होंगे प्रयास
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  जिले में समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं एवं समुदाय स्तर पर नवजात शिशु की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार तथा समानता और गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए नवजात शिशु सप्ताह 23 नवंबर से 29 नवंबर तक मनाया जाएगा। सभी संस्थाओं में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सीधी डॉ. बी. एल. मिश्रा के निर्देशानुसार स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रभारियों द्वारा शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिश्रा एवं डी.आई.ओ. डॉ. नागेंद्र बिहारी दुबे ने बताया कि नवजात शिशु सप्ताह के दौरान एसएनसीयू, एनबीएसयू, एनबीसीसी और प्रसव पश्चात देखभाल वार्डो में नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए समस्त प्रकार की गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं सुनिश्चित की जाएगी। जिले में कार्यरत आरबीएस के टीम द्वारा बच्चों में होने वाली जन्मजात विसंगतियों एवं अन्य बीमारियों से पीडि़त नवजात शिशु को चिन्हित किया जाएगा एवं उन्हें रेफरल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। प्रसव कक्ष में प्रसव के तत्काल बाद स्तनपान, विटामिन इंजेक्शन का उचित उपयोग कंगारू मदर केयर आदि से संबंधित गतिविधियां की जाएंगी। 

  कार्यक्रम के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के मैदानी स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है। नवजात शिशु सप्ताह के दौरान नवजात शिशु एवं बाल मृत्यु की समीक्षा की जाएगी एवं कारणों की पहचान कर सुधारात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। ग्राम स्तर पर सभी आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में नवजात शिशु की गृह आधारित समेकित देखभाल करना सुनिश्चित करेंगे ताकि समय पर आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा सके। समस्त ए.एन.एम. को इंजेक्शन जेंटामाइसिन एवं सिरप ओमएक्सिलीन के विषय में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। खतरे के चिन्ह वाले नवजात शिशुओं को 108 वाहन के माध्यम से रेफर कर सभी संदर्भ सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

   उल्लेखनीय है कि जन्म के उपरांत तत्काल स्तनपान, 6 माह तक केवल स्तनपान, मां को शिशु के समीप रखना, एसएनसीयू में नवजात शिशु के उपचार के दौरान मां की निगरानी एवं सहयोग, तापमान नियंत्रण के लिए बच्चों को ढक कर रखना एवं सिर पर टोपी हाथ और पैर में मौजे पहना कर रखना, कंगारू मदर देखभाल, नाल को सूखा रखना, साफ सफाई का ध्यान रखना, समय पर सभी प्रकार का टीकाकरण कराना, नवजात शिशु में होने वाले खतरनाक लक्षणों जैसी स्तनपान करने में असमर्थता, तापमान कम या ज्यादा झटके आना, सांस लेने में कठिनाई सुस्ती या बेहोशी इत्यादि की पहचान आदि ऐसे उपाय हैं जिनसे नवजात शिशु की मौतों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

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