भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीण बैठे आमरण अनशन पर ,सचिव एवं रोजगार सहायक पर मनमानी का आरोप
सीधी।
विंध्य टाइगर जन कल्याण समिति टेंकर के बैनर तले 1 सूत्रीय मांग को लेकर ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों द्वारा जनपद कार्यालय मझौली के समक्ष धरना देकर आमरण अनशन किया गया।
बताते चलें कि समिति के सचिव दिलीप तिवारी द्वारा 1 अक्टूबर को कलेक्टर जिला सीधी को लिखित ज्ञापन पत्र सौंपा गया था जिसमें हवाला देते हुए कार्यवाही की मांग की गई थी जिसमें आरोप है कि ग्राम पंचायत ठोंगा के सचिव एवं रोजगार सहायक की मनमानी से आम जनता त्रस्त है शासन की सारी विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाएं ठप्प हैं तथा मनरेगा योजना रोजगार सहायक की पैतृक संपत्ति बन चुकी है, सरपंच द्वारा कराए गए सड़क निर्माण में रोजगार सहायक द्वारा मनमानी करते हुए परेशान किया गया है। 2 हितग्राहियों का कपिलधारा कूप वर्ष 2017-18 में स्वीकृत कराया गया था किंतु रोजगार सहायक की मनमानी के चलते 5 वर्षों में एक भी पूर्ण नहीं हुआ वही मेड बंधान, खेत तालाब का कार्य भी नहीं कराया गया। इसके साथ ही अन्य कई आरोप लगाए गए थे।
प्रधान प्रशासकीय समिति ग्राम ठोंगा द्वारा विधायक धौहनी को विंदुवार जांच कराए जाने हेतु दिनांक 15 जुलाई को आवेदन पत्र सौंपा था जिसमें जांच कार्यवाही में फिर से प्रतिवेदन जमा करने में फिर कार्रवाई करने में भारी हीला हवाली की जाती रही जिसमें रोजगार सहायक एवं सचिव दोषी भी पाए गए हैं। बावजूद इसके अभी तक कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
विगत दिवस होते गए ज्ञापन पत्र पर कोई कार्यवाही न होने पर ग्रामवासियों के साथ विंध्य टाइगर जन कल्याण समिति के सचिव दिलीप तिवारी एवं अध्यक्ष धीरमणि शुक्ला के नेतृत्व में जनपद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन एवं आमरण अनशन शुरू किया गया। जहां प्रशासन की तरफ से तहसीलदार बीके पटेल द्वारा धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश दी गई और आश्वासन दिया गया कि ज्ञापन पत्र में मांग की गई बिंदुओं में जो विधि अनुरूप होगा उसे जांचकर निराकरण कराया जाएगा और दोषियों के खिलाफ आरोप साबित होगा तो कार्रवाई भी होगी। वहीं दिलीप तिवारी भूख हड़ताल कर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं जिनका कहना है कि ठोंगा ग्राम पंचायत में जांच हो चुकी है और दोषियों के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं होती है तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा।
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