*रेत खदानों में मजदूरों को नहीं मिल रहा है काम होगा उग्र आंदोलन - दयानिधान चतुर्वेदी
(✍️करुणा शर्मा)सिंगरौली/देवसर।
जिले मे संचालित सभी रेत खदानों मे किसी भी मजदूर को काम नहीं मिल रहा है सभी खदानों में भारी भरकम मशीनों से नदियों को खोखला ठेकेदार द्वारा किया जा रहा हैऔर इस महामारी मे मजदूरों को कोई काम नहीं मिल रहा है खदानों के आसपास के मजदूर वर्ग भुखमरी की कगार पर है। यदि मजदूर वर्ग को काम नहीं मिल रहा है तो देवसर क्षेत्र की सभी खदानों में उग्र आंदोलन किया जाएगा।
उक्त बाते देवसर क्षेत्र के युवा समाजसेवी एवं पत्रकार दयानिधान चतुर्वेदी ने कही। आगे श्री चतुर्वेदी ने कहा ठेकेदार एवं ठेकेदार के गुरगो के द्वारा कहा जाता है कि कलेक्टर साहब, एस.पी.साहब और माइनिंग अधिकारी सभी से मेरी सेटिंग है हम मशीनों से ही उत्खनन करेंगे एवं हमारी खदानों मे मजदूरों के लिए कोई काम नहीं है। ठेकेदार साहब आप बहुत बड़े ठेकेदार हो पूरे सिंगरौली जिले का रेत का ठेका आपका है आप कलेक्टर महोदय तक के आदेशों का पालन नहीं करते हैं आप अपने मनमाने रेट से रेत बेंच रहें हैं मीटिंग में पूर्व कलेक्टर महोदय ने सिंगरौली जिले के सभी निर्माण कार्य के लिए सोलह रुपये फिट का रेट निर्धारित किया था लेकिन आप के द्वारा मनमाने रेट से रेत बेची जाती रही। मशीनों से नदियों को खोखला लगातार किया जा रहा है क्या कारण है की कोई कार्यवाही नहीं होती कहाँ है वह राज्य शासन के आदेश की कांपी जिसमें निर्देश है कि खदानों में मशीनों से ही लोडिंग करना है और किसी भी मजदूर को काम नहीं देना है। क्या सिंगरौली जिले के सभी आला अधिकारी सही मे सेटिंग मे फिक्स हैं। लेकिन चाहे कुछ हो जाए देवसर क्षेत्र की सभी खदानों में मशीनों से उत्खनन बंद होगा और इस महामारी मे मजदूरों को काम देना होगा। मेरा शासन प्रशासन से निवेदन है कि एक सप्ताह के अंदर देवसर क्षेत्र की सभी खदानों में मशीनों से उत्खनन बंद नहीं कराया गया एवं मजदूरों को लोडिंग का कार्य नहीं दिया गया तो सैकड़ों मजदूरों के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा। देवसर क्षेत्र की सभी खदानों के आसपास काफी मात्रा में मजदूर वर्ग काम की आस लगाये बैठे हैं और मशीनों से उत्खनन जारी है। चाहे रेत खदान कारी हो मजौना हो जियावन हो या फिर ढोंगा हो सभी खदानों के आसपास काफी मात्रा मजदूर वर्ग भुखमरी की कगार पर हैं और काम मशीनों के द्वारा हो रहा है। मेरा शासन प्रशासन से निवेदन है कि एक सप्ताह के अंदर देवसर क्षेत्र की सभी खदानों में मशीनों से उत्खनन बंद कराकर मजदूरों को काम दिया जाए।
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