सीधी।।रातों-रात शासकीय पुलिया के ऊपर दबंगो ने बनाया घर
शिकायत के बाद दो सप्ताह तक रुका रहा अवैध घर निर्माण
सीधी।
तहसील रामपुर नैकिन अन्तर्गत ग्राम पंचायत पटना के ग्राम पटना में स्थित शासकीय जन मार्ग की पुलिया के ऊपर ग्राम पटना के ही योगेंद्र पिता रामप्रकाश मिश्रा के द्वारा अपने भाइयों की सरहंगता से दो सप्ताह पूर्व शुरू किए गए निजी घर निर्माण को बीती रात पूरा कर संबंधित प्रशासन को अपने बल का संकेत दे दिया गया। वहीं मुख्य सड़क मार्ग की पटरी पर स्थित नाली को पाट कर पत्थर के ढेर लगाकर तथा विद्युत पोल को दीवार का पिलर बनाकर एवं शेष शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर बाउंड्री निर्माण की शुरुआत की जाने लगी है।उक्त कृत्यों से जहां अतिक्रमण का ग्राफ बढ़ने लगा है वहीं जनमानस में अशांति का माहौल निर्मित होने लगा है।
ज्ञातव्य है कि उक्त सरहंगों द्वारा ग्राम पंचायत से प्रस्तावित पीसीसी सड़क निर्माण कार्य को भी अतिक्रमण कर बीते दो वर्षों से अवरुद्ध किया गया है। प्रशासनिक कार्यवाही समुचित रूप से न हो सकने की स्थिति में सरहंगों के हौसले बुलंद हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत पटना के ग्राम पटना में स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत कार्यालय के सहित हरिजन एवं सामान्य बस्ती के लिए एकल पहुंच मार्ग की पुलिया के पिलर के ऊपर अतिक्रमण कर निजी घर का निर्माण अपने स्वामित्व की भूमि होने का झांसा देकर किया गया है। हकीकत यह है कि उक्त जन मार्ग पुश्तैनी रूप से चलित है, जिस पर बीते 20 वर्षों में तीन बार ग्राम पंचायत द्वारा पीसीसी निर्माण कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 15 सितंबर को ग्राम के उमाकांत मिश्रा, 30 सितंबर को ग्राम पंचायत पटना के उपसरपंच उमानिवास मिश्रा द्वारा पिपरांव चौकी तथा तहसील कार्यालय रामपुर नैकिन तथा 1 अक्टूबर को अनुविभागीय अधिकारी चुरहट के कार्यालय में उक्त संबंध की शिकायत उपसरपंच द्वारा की गई है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि शुरुआती शिकायत के बाद घर का निर्माण कार्य बंद हो गया था, जो पुलिस चौकी पिपरांव में हुई शिकायत 30 सितंबर की शाम के बाद पुलिस द्वारा त्वरित रूप से किए गए मुआयने के वाबजूद रातोंरात दीवार खड़ी हो गई तथा टीन शेड दीवार के ऊपर रख दिया गया।
खबर है कि पुलिस चौकी पिपरांव द्वारा उक्त सरहंगों को उसी दिन की रात को चौकी बुलाया गया था। सुबह होते ही घर बनकर तैयार देखते ही ग्रामीण हतप्रभ रह गए। कुल मिलाकर तहसीलदार, एसडीएम के सहित कलेक्टर का ध्यान तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण हटवाये जाने की ओर आकृष्ट है। जो जनमानस के लिए हितकारी होगा।
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