ब्लड की कमी से जूझ रही प्रसूता को अस्पताल ने किया था बाहर, प्रसूता की हुई मौत
(✍️आर.बी.सिंह, राज) सीधी
बीते रविवार को जिला चिकित्सालय में एक गर्भवती महिला के साथ अमानवीय व्यवहार की घटना सामने आई थी जहां पीड़िता तथा परिजनों को ब्लड नहीं उपलब्ध करा पाने के कारण अस्पताल ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
परिजनों ने अस्पताल के मेन गेट पर खूब हंगामा मचाया तथा अस्पताल पर आरोप लगाया था कि ब्लड की कमी के कारण अस्पताल ने लेवर बार्ड से बाहर निकाल दिया है। वहीं बीते कल आखिर पीड़िता की मौत हो गई है। अब सवाल यह उठता है कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है ? क्योंकि जिला अस्पताल की व्यवस्था बदहाल हो गई है जहां आए दिन लापरवाही का आलम
बना रहता है इसका खामियाजा वहां भर्ती होने वाले मरीजों को जान देकर चुकाना पड़ता है। आखिर यह सब हर दिन मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कब तक चलेगा यह एक बड़ा सवाल है?
*ये था पूरा मामला:-
रविवार को शाम 7:30 बजे के लगभग सिटी कोतवाली अंतर्गत पीड़िता सीता साकेत पति राजेश साकेत निवासी बेरिहा के परिजनों ने अस्पताल के गेट पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ खरी खोटी सुना रही थी। महिला द्वारा बताया गया था कि आज रविवार को ही अपनी बहू को अस्पताल में 3 बजे भर्ती कराई हूं तब से लेबर वार्ड में खून की कमी बता रहे हैं और खून मंगा रहे हैं मैं बोली कि मेरे पास खून की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जहां शाम 7:30 बजे के लगभग लेबर बार्ड में तैनात नर्सों ने पिता तथा परिजनों को अस्पताल के बाहर निकाल दिया है।
और आखिर हो गई मौत:-
बीते बुधवार को पीड़िता के परिजनों ने बताया कि अस्पताल द्वारा खून नहीं दिया गया और सोमवार को ही पीड़िता की मौत हो गई है। मृतका के परिजनों के बताएं अनुसार अस्पताल में तैनात नर्सों ने दवा करने के नाम पर मेरे से कोई कागज में अंगूठा लगवा लिए थे। पर सबसे बड़ा सवाल है कि जिला चिकित्सालय प्रबंधक इतना लापरवाह कैसे हो सकता है और अस्पताल के स्टाफ द्वारा भी लापरवाह तरीके से आने वाले मरीजों तथा परिजनों से दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें अस्पताल के बाहर कर दिया जाता है लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। सवाल यह उठता है कि आखिर यह मौत का सिलसिला कब थमेगा।
मीडिया कर्मियों के खिलाफ साजिश के आरोप:-
अस्पताल प्रशासन का मरीजों के साथ दुर्व्यवहार तथा लापरवाही किसी से छुपी नहीं है। सिविल सर्जन पर अपुष्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अपने कर्मचारियों पर लगाम लगाने की बजाए खबर प्रकाशित करने पर पत्रकार को ही फंसाने की साजिश रचने लगे हैं। जहां अपने ही स्टाफ नर्स से मीडिया कर्मियों के विरुद्ध धमकाने का आरोप लगवाकर आवेदन अपने नाम पर लिखवाकर रख रहा है। नाम नहीं छापने की शर्त पर स्टाफ नर्स ने बताया कि अस्पताल के अंदर मीडिया कर्मियों को ना घुसने देने की सभी स्टाफ नर्स तथा अस्पताल के कर्मचारियों को बोला है बताया गया कि अगर कोई भी पत्रकार अस्पताल के अंदर आता है तो जाकर उसके गले मिल जाना और छेड़छाड़ का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवा देना।
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