लड़ाई अब भाजपा और जनता के बीच ,लोगों ने बिकाऊ से साथ न रहने की ठान ली है - अजय सिंह

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लड़ाई अब भाजपा और जनता के बीच ,लोगों ने बिकाऊ से साथ न रहने की ठान ली है - अजय सिंह



लड़ाई अब भाजपा और जनता के बीच ,लोगों ने बिकाऊ से साथ न रहने की ठान ली है - अजय सिंह


भोपाल। 

  पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने कहा कि उपचुनावों में लड़ाई अब कांग्रेस और भाजपा के बीच नहीं हो रही बल्कि जनता और भाजपा के बीच हो रही है| मैं अभी तक 28 में से 14 विधानसभा क्षेत्रों से होकर आया हूँ| हर सभा में मुझे यह लगा कि जनता ने ठान लिया है कि हमें बिकाऊ माल के साथ नहीं रहना है, पता नहीं कब गद्दारी कर जाएँ| बुंदेलखंड का हर व्यक्ति वोट की कीमत समझता है और उसका स्वाभिमान भी है| अजयसिंह आज सुरखी में पारुल साहू के समर्थन में एक भीड़ भरी जनसभा को संबोधित कर रहे थे| पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी उनके साथ थे| 
अजयसिंह ने कहा कि महराज सिंधिया और नए महाराज गोविंदसिंह राजपूत अहंकार में हैं| सिंधिया के मूल में गद्दारी है| उनके पूर्वजों ने महारानी लक्ष्मीबाई को धोका दिया और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी माँ जैसी संस्था कांग्रेस पार्टी को धोका दिया है| उनके पीछे पीछे गोविंदसिंह राजपूत भी चल दिये जिन्हें कांग्रेस ने सब कुछ दिया| युवक कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया| विधायक बनाया और मंत्री बनाया, फिर भी वे लोभ में पड़कर भाजपा में चले गये| वे अपने ही पार्टी के साथियों को ही धमकाते थे| उनके कारण के ही हमारे 25 साल पुराने साथी राजेन्द्रसिंह मोकलपुर पार्टी छोडकर चले गये|  
अजयसिंह ने कहा कि अब भाजपा वाले भी समझ गये कि सिंधिया को लाकर बहुत बड़ी गलती की| वे जान गये कि सिंधिया की महत्वाकांक्षा को कोई पूरा नहीं कर सकता, उनके अहम को कोई संतुष्ट नहीं कर सकता| कल्पना करिए कि हमारे गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह कैसा महसूस कर रहे होंगे| वे सोच रहे होंगे कि गद्दारों के भाजपा में आने पर हमारी क्या हैसियत रह जाएगी| अब जनता की बारी है कि वह सच्चाई का साथ दे और ईमानदार को वोट दे| उन्होने कांग्रेस प्रत्याशी पारुल साहू को अपना अमूल्य मत देकर गद्दारों को सबक सिखाने की बात कही|
सिंह ने कहा कि सिंधिया की कहानी अब खत्म हो गई है| पहले कहते थे कि टाइगर जिंदा है| फिर अपने आपको काला कौआ कहने लगे| उन्होने कहा कि पूर्व मंत्री और फिल्मी गीतकार स्व॰ विट्ठलभाई पटेल ने ही ' झूठ बोले कौआ काटे' गीत लिखा था| उन्होने इसके आगे क्या लिखा था, यह आप सबको मालूम है| सिंधिया पहली बार सांसद बनने के बाद ही मंत्री बने| राहुल गांधी जी के सबसे नजदीक माने जाते थे लेकिन उन्होने पार्टी छोडकर सिद्ध कर दिया है कि उनकी महत्वाकांक्षा असीमित है|

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