मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य केंद्रों में हुए जागरूकता कार्यक्रम
मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर आज शनिवार को जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में जन-जागरूकता कार्यक्रम हुए। इन कार्यक्रमों में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हुई विभिन्न बीमारियों एवं समस्याओं के संबंध में जानकारी दी गई। इस अवसर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मानसिक समस्याओं को लक्षणों के आधार पर स्वयं स्क्रीनिंग करने की जानकारी दी गई।
मानसिक समस्याएं जैसे अवसाद या चिंता ग्रस्त रहना, अत्याधिक दबाव या तनाव के कारण होने वाली समस्याएं, शराब या अन्य नशे की लत होना, गंभीर मानसिक अस्वस्थता, बौद्धिक पिछड़ापन या मंदबुद्धि होना, बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ संबंधी समस्याएं एवं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
वर्तमान में कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों के फलस्वरुप लोगों में तनाव, चिंता, डर जैसी समस्याएं देखने में आ रहे हैं। इस संबंध में लोगों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु सामान्य रूप से अपनाए जाने वाले नियमों जैसे कि मास्क का उपयोग सोशल डिस्टेंसिंग हाथों की एवं व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना के संबंध में अवगत करवाया गया। लोगों से आग्रह किया गया है कि वह कोविड-19 संबंधी किसी भी भ्रामक या असत्य जानकारी पर ध्यान ना दें विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी को ही सत्य माने, अन्यथा ऐसी संपूर्ण जानकारियां कोविड-19 के संबंध में हमारे मन के भीतर एक भय उत्पन्न कर देती हैं जिससे कि लंबे समय की अवधि में हमें तनाव महसूस होने लगता है।
इस अवसर पर जन्मजात मानसिक विकृतियों एवं छोटे बच्चों के मानसिक विकास हेतु परिजनों से चर्चा की गई एवं उन्हें बच्चों की उम्र के अनुसार होने वाले विकासात्मक पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।
मानसिक रूप से स्वस्थ रहने हेतु जीवन शैली का प्रबंधन एवं प्रश्नोत्तर प्रतियोगिताओं, योग एवं ध्यान की विभिन्न विधियों का आयोजन स्वास्थ्य संस्थाओं में किया गया। मानसिक रोगों के परामर्श हेतु जिला चिकित्सालय में मन कक्ष की स्थापना की गई है। जिनके माध्यम से लोग परामर्श एवं उपचार की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं । किसी भी मानसिक समस्या के होने पर चिकित्सकीय परामर्श ही लिया जावे। झाड़-फूंक या अन्य किसी अंधविश्वास पद्धति के माध्यम से इन समस्याओं का इलाज नहीं होता वरन समस्याएं और ज्यादा बढ़ जाती हैं। अधिकतर मानसिक समस्याओं का इलाज हम अपने परिवार और समुदाय के बीच रहते हुए उचित देखभाल एवं सलाह मिलने से ही ठीक हो सकते हैं। इसलिए ध्यान रखें पिछले 2 सप्ताह से अधिक समय से लगातार उदासी बनी रहने। किसी भी काम में मन नहीं लगने खुशी का अनुभव नहीं होने, भूख व नींद में बदलाव आने या ऊर्जा की कमी महसूस होने चिंता ,बेचैनी और हिचकिचाहट के बढ़ने ,एकाग्रता में कमी आने, खुद को बेकार महसूस करने, खुद को नुकसान या आत्महत्या के विचार आने जैसे लक्षण दिखने पर बिना विलंब किए नजदीकी स्वास्थ्य संस्था में जाकर चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त करें।
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