जानिए कक्षा पहली से आठवीं तक कक्षाएं संचालित करने के लिए बाल आयोग ने क्या सिफारिश की,कब खुलेगी स्कूलें
कोरोना महामारी के चलते 16 मार्च से सभी शिक्षण संस्थाएं बंद है सरकार द्वारा बना महामारी से बचाने के लिए सभी स्कूलों को ना खोलने का आदेश जारी किया लगातार 5 महीने के बाद 21 सितंबर से कक्षा नौवीं से 12वीं तक की कक्षा संचालित करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार ने खोलने की अनुमति जारी की है उसमें भी बिना अभिभावक के अनुमति के स्कूल में छात्राओं को प्रवेश ना देने की भी गाइडलाइन जारी की गई थी अबे धीरे-धीरे सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को पालन करते हुए सभी विद्यालय कक्षाएं संचालित कर दी हैं।
प्राइमरी और मिडिल स्कूल बाल आयोग की सिफारिश:-
कक्षा 1 से8वीं तक के बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने की अटकलों के बाद बाल आयोग ने स्टैंर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (SOP) जारी की है। आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरूण शमी को पत्र लिखकर शुरू होने वाली कक्षाओं के संबंध में भी एसओपी जारी की है।
बाल आयोग ने कोरोना के मरिजों की संख्या में इजाफा को देखते हुए पहली से आठवीं तक के बच्चों की कक्षाएं नहीं लगाए जाने की सिफारिश की है। वहीं आयोग ने हायर क्लासेस में भी केवल बोर्ड एग्जाम वाली कक्षाएं ही संचालित करने की बात कही है। आयोग सदस्य ब्रजेश चौहान ने बताया कि आयोग ने यह एसओपी अभिभावक, शिक्षक और एजुकेशन एक्सपर्ट से सुझाव लेकर तैयार की है।
प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्कूलों में की गई तैयारियों का निरीक्षण अधिकारियों से करवाकर यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी स्कूल कोविड-19 गाडलाइन का पालन कर रहे हैं या नहीं। आयोग ने स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एक समिति गठित करने के लिए कहा।
हालांकि अभी 15 अक्टूबर तक विद्यालय को बंद करने अनुमति गई है शिक्षकों को ऑफिस का काम करने के लिए जाने की अनुमति रहेगी वही सरकारी विद्यालय के शिक्षक मोहल्ला क्लास संचालित कर रहे हैं।
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