भावविभोर और अश्रुपूर्ण नेत्रों से श्रद्धालुओं ने दी मां दुर्गे को विदाई,विसर्जन अगले बरस फिर तू आना मां अंबे
सभी विसर्जन स्थलों पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश की एसडीएम ,एसडीओपी ने व्यवस्थाओं व सुविधाओं का लिया जायजा
केएस पाठक(लकी)देवसर।
नवरात्रि के शुभ अवसर पर माँ दुर्गापूजा की समाप्ति के बाद मां दुर्गे की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू हो गया। विभिन्न पूजा समितियों और श्रद्धालुओं ने धार्मिक रीति रिवाज का पालन करते हुए मां दुर्गा की प्रतिमाओं को माँ दुर्गा के दरबार बैंनाकुण्ड समीपस्थ महान नदी, माड़ी डैम, ढोंगा,बरंगवा मनिहारी तालाब, में परंपरागत चिन्हित जगहों पर परंपरागत तरीके से एवं प्रशासन की कड़ी सुरक्षा के बीच मां दुर्गा की मूर्ति को प्रवाहित किया गया। एवं शासन प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी और बैरिकेडिंग के अंदर से ही शांतिपूर्ण तरीके से मां दुर्गा की अंतिम विदाई को सफर पूर्ण तरीके से मनाया। पूजा पंडालों में महिलाओं ने विदाई के पूर्व माता को खोंइछा दिया। महिलाओं ने विदाई गीत भी गाईं। पंडालों से प्रतिमाओं को निकालने के समय आयोजकों के चेहरे पर मायूसी छाई हुई दिखी।
गौतरलब की बात है कि देवसर एसडीएम विकास कुमार सिंह , एसडीओपी आशुतोष द्विवेदी के आदेश दिया था कि प्रतिमाएं हर हाल में रात आठ बजे तक विसर्जित कर दी जानी चाहिए, इन आदेशों का पालन करते हुए अधिकांश क्षेत्रों की मूर्तियां श्रद्धालुओं ने सोमवार को ही शाम 6:00 बजे तक ही मूर्ति का विसर्जन कर दिया था। और वही शहर की कुछ दुर्गा प्रतिमाए मंगलवार को सुबह बहरी जोगदहा सोन नदी में विर्सजन की जाएगी। मां दुर्गा की प्रतिमा शोभायात्रा को शासन के नियमो के अनुरूप कम ध्वनि तरंगों की कम गति से गाजे-बाजे के साथ प्रतिमा विसर्जन से पहले पंडालों में नम आंखों से देवी दुर्गा को विदाई दी गई। और कहीं सिंदूर की होली खेली गई तो कहीं देवी बहनों का खोंइंछा मिलन कराया गया तो दर्शन को उमड़े भक्तों की आंखें डबडबा गईं। जय माता दी के जयकारे से फिजा भक्तिमय हो गया। फूलों की वर्षा के बीच आस्था की सरिता में गोते लगा रहे भक्त मां के अंतिम दर्शन कर उनके चरण स्पर्श को बेताब दिखे। मिलन स्थल पर शाम से ही क्रमबद्ध तरीके व सामाजिक दूरी को दृष्टिगत रखते हुए हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा थे मां दुर्गा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। इस प्रकार बहुत ही सौहार्द व शांतिपूर्ण ढंग से विर्सजन सपन्न किया गया। विसर्जन स्थलों पर जयकारों से गूंज उठा विसर्जन स्थल जहां श्रद्धालुओं की भीड़ सीमित संख्याओं में ही और नियमों का पालन करते हुए देखा गया और प्रशासन के कड़े इंतजामों का पालन सभी श्रद्धालुओं ने भावविभोर और अश्रुपूर्ण नेत्रों से श्रद्धालुओं ने दी मां दुर्गे को विदाई,विसर्जन अगले बरस फिर तू आना मां अंबे प्रार्थना की गई।
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प्रशासन के कड़े इंतजाम व्यवस्थाओं व सुविधाओं का एसडीएम विकास कुमार सिंह एसडीओपी आशुतोष द्विवेदी के द्वारा सभी विसर्जन स्थलों का समय-समय पर जायजा लेते रहे लोगों को समझाइश भी देते रहे कि सामाजिक दूरी को बरतें और गहरे पानी में ना जाएं, किए गए बैरिकेडिंग के अंदर से ही विसर्जन करें । ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना घटित हो और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके प्रशासन द्वारा कड़े इंतजाम किए गए थे जिसके लाइट की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था, बैरिकेडिंग ,गोताखोरों एवं अन्य कई प्रकार की मूलभूत सुविधा की गई थी।जिसके पालनार्थ में राजस्व कर्मचारी व पुलिस अमला जगह-जगह पर मुस्तैद नजर आए।
इस मौके पर तहसीलदार दिवाकर सिंह, नायब तहसीलदार राजकुमार रावत, थाना प्रभारी जियावन नेहरू सिंह खंडाते, कुंदवार चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अभिमन्यु द्विवेदी, राजस्व निरीक्षक बलजीत रावत, पटवारी रामखेलावन सिंह, प्रेम सिंह लाठर, अनिल विश्वकर्मा, सहित अन्य पुलिस जवान मौजूद रहे।
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