कार्यवाही: विकलांग का फर्जी मेडिकल सार्टिफिकेट बनवाकर काम कर रहे दो शिक्षकों पर गिरेगी कार्यवाही की गाज
सीधी।
फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक पद पर कार्यरत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के दो शिक्षकों के खिलाफ शिकायत की गयी है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अपर कलेक्टर नें जांच के निर्देश जारी किए हैं। फर्जी विकलांग बनकर नौकरी करनें वाले शिक्षकों की नये सिरे से जिला मेडिकल बोर्ड से विकलांगता का परीक्षण कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि फर्जी मेडिकल सार्टिफिकेट के आधार पर शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा लोग नौकरी कर रहे हैं। ज्यादातर मामलों में शिक्षक ही फर्जीवाड़ा कर नौकरी में आए और अक्सर देखा जाता है कि ऐसे लोग पठन-पाठन करानें की बजाय अराजकता फैलाने में आगे हैं। ऐसा ही मामला जनपद पंचायत रामपुर नैकिन अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरतपुर का काफी सुर्खियों में बना हुआ है। अपुष्ट सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां पदस्थ अध्यापक श्रीमती रमा पाण्डेय एवं जनशिक्षक प्रकाश पाण्डेय के द्वारा फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र तैयार कराकर विगत वर्षों से सेवारत हैं। ऐसे लोग नौकरी में विकलांग भत्ता भी प्राप्त कर शासन को सालों से चूना लगा रहे हैं। अध्यापक श्रीमती रमा पाण्डेय नें जनपद सदस्य रहते हुए स्वयं को शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के लिए चुन लिया था। जिसकी जांच एसडीएम चुरहट द्वारा की गयी तो नियुक्ति अवैध पायी गयी थी। भूमिहीन होते हुए भी श्रीमती रमा पाण्डेय नें सेवा सहकारी समिति मर्यादित भरतपुर से किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण प्राप्त कर लिया था। जिस पर कलेक्टर सीधी नें श्रीमती रमा पाण्डेय एवं अन्य के विरुद्ध पुलिस थाना रामपुर नैकिन में अपराध क्रमांक 0096/2019 धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया था। वहीं फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र तैयार कराकर नौकरी करनें वाले जनशिक्षक प्रकाश पाण्डेय के विरुद्ध कलेक्टर सीधी के द्वारा थाना रामपुर नैकिन में अपराध क्रमांक 0093/2020, धारा 420, 467, 468, 471 आईपीसी एवं अपराध क्रमांक 0096/2019 धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत पंजीबद्ध कराया था। इस मामले में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र बनवाकर शासकीय सेवा करनें वाले शिक्षकों की मेंडिकल बोर्ड से जांच करानें एवं फर्जी प्रमाण पत्रों को रद्द कर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनें की मांग लगातार की जा रही है। अधिकारी भी अब कार्रवाई शुरू कर रहे हैं।
इनका कहना है
फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के विरुद्ध जांच करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जांच के बाद दोषी शिक्षकों के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
हर्षल पंचोली
अपर कलेक्टर, सीधी
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