सिंगरौली जिले की बेटी ने वीर रस कवित्रीयों में किया मिसाल कायम
(✍️करुणा शर्मा)सिंगरौली।
जी हम बात कर रहे हैं सिंगरौली जिले की जो वीररस की कवित्री सुश्री करिश्मा पांडेय पुत्री श्री अजीत कुमार पांडेय इन्होने वीर रस प्रेमी बचपन से ही रहीं हैं आज उन्होंने अपने वीर रस के 300 कविताओं को पूरा किया उसी के शीर्ष में एक कविता को हम आपके सामने रख रहे हैं आशा ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास भी है कि सिंगरौली जिले के इस बेटी को आपका प्यार जरूर मिलेगा ताकि इनका हौसला और बुलंद हो सके
गालवान घाटी पे शहीदों को समर्पित:-
आसमाँ भी रोया था धरती धर्रायी थी
ना जाने यारोंं किस घड़ी मौत आयी थी
माँ का एक टक चेहरा था
आँख़ों में बहते आँशु थे
पुत्र थे उनके शहिद हुए
जो मातृभूमि के नाते थे।
पत्नी का तिलछना चिल्लाना
सीने में तीर चुभाना था
एक मात्र सहारा था उनका
वह भारत माँ का बेटा का
बेटे के सर पे हाथ गया
चलना वह जिसने सिखाया था
कान्धौ का भी अब राज गया
वह बैठे जहाँ जग देखा था
माँ की सूनी गोद हुई
पत्नी का भी सिन्दुल गया
पिता के दिल में आह उठी
पुत्र का हाथ भी छुट गया
गर्व है इन परिवारों को
अपनी उन सन्तानो पे
मातृभूमि के लिए समर्पित हुए
उन वीर बलिदानों पर
नेता क्यों बैठे हो
बदला लो अब गद्दारों से
अगर खून में है गर्मी तो
अब बिछा दो तुम लाशें गालवान
धाटी के दुश्मनो के तलवारों से
कवित्रिय वीर रस
।। करिश्मा पाण्डेय ।।
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