सीधी न्यूज़: पैसा पाने के लिए भटक रहे सहारा के ग्राहक ,बाण्ड अवधि पूर्ण होने पर भी किया जा रहा गुमराह
एसपी ऑफिस में भी दिया जा चुका है शिकायती पत्र
सीधी ।
जिले में प्रायवेट वित्तीय संस्थानों के नुमाइंदे पूर्णावधि के बाद भी मैच्युरिटी राशि का भुगतान करने में लोगों को गुमराह कर रहे हैं। स्थिति यह है कि सहारा इंडिया कार्पोरेशन लिमिटेड शाखा सीधी में बाण्ड की मैच्युरिटी राशि का भुगतान पानें के लिए लोग काफी परेशान हैं। उनके द्वारा लिखित रूप से पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी शिकायती आवेदन सौंपा गया है। इस पर भी कोई कार्रवाई अभी तक न होनें से लोग अपनी राशि डूबनें के भय से काफी दुविधा में हैं।
सहारा बैंक में बाण्ड अवधि पूर्ण होनें के बाद लोगों को संबंधित राशि का भुगतान करनें की बजाय गुमराह करनें का खेल चल रहा है। स्थिति यह है कि बाण्ड की अवधि पूर्ण होनें पर एजेंटों के माध्यम से आगे के समय के लिए दूसरा बाण्ड जारी कर ज्यादा लाभ देनें का प्रलोभन दिया जाता है। यदि बाण्ड धारक राजी नहीं हुए तो उनके प्रपत्र जमा कराकर लगातार चक्कर कटवाया जाता है।
इसी परेशानी से त्रस्त होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय सीधी में भी रामजी पाण्डेय हाल निवास संजय नगर रीवा द्वारा शिकायत की गयी है। श्री पाण्डेय नें बताया कि उनके द्वारा वर्ष 2009 में सहारा इंडिया कार्पोरेशन लिमिटेड शाखा सीधी में अबोर्ड बाण्ड लिया गया था। जिसको सहारा इंडिया द्वारा जून 2012 में सहारा क्यू शॉप में परिवर्तित कर दिया गया था। साथ ही बोला गया था कि छ: साल बाद आपको बाण्ड अवधि पूर्ण होनें पर पूरी राशि ब्याज सहित प्राप्त हो जायेगी। जून 2018 में बाण्ड अवधि पूर्ण हो जानें के बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक को सहारा क्यू बाण्ड सहित अन्य सहायक कागजात देकर पावती ले ली गयी थी। उनके द्वारा आश्वस्त किया गया था कि दो माह के अंदर आपको पूर्ण भुगतान कर दिया जाएगा। समय सीमा बीतनें पर जब संपर्क किया गया तो शाखा प्रबंधक नें कहा कि अभी पैसा नहीं आया है। कुछ समय बाद संपर्क करिए। जिसके बाद 3 जून 2019 को लिखित रूप से स्पीड पोस्ट कर जल्द भुगतान करनें का आग्रह किया गया। लगातार शाखा कार्यालय से संपर्क में रहनें के बाद भी भुगतान नहीं किया गया। जिसके बाद 7 अगस्त 2020 को फिर से आवेदन देनें के साथ ही उसकी प्रतिनिधि पुलिस अधीक्षक सीधी को देकर जल्द राशि का भुगतान करानें की मांग की गयी। इसके बाद 28 सितंबर 2020 को सहारा सीधी से फोन आया कि आपके कागजात तलाशे जा रहे हैं। किंतु 30 सितंबर 2020 को संबंधित बाण्ड ही सीधी कार्यालय से वापस करते हुए कहा गया कि अभी भुगतान नहीं हो सकेगा। पीडि़त रामजी पाण्डेय नें बताया कि उनके नाम से सहारा क्यू शॉप के छ: बाण्ड लिए गए हैं। इन बाण्ड में जमा राशि क्रमश: 24200, 24450, 24200, 24450, 19000, 22750 रुपए का है। उपरोक्त बाण्डों के साथ निर्धारित आवेदन पत्र, आधार नंबर, पेन कार्ड, फोटो एवं बचत खाता का प्रमाण आदि सभी सहपत्र दिनांक 29 मई 2018 को जमा कर दिए गए हैं। आज दिनांक तक कोई राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। सहारा इंडिया कार्यालय से बाण्ड लेनें वाले ऐसे काफी लोग परेशान हैं जिनकी समय सीमा पूर्ण होनें के बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
आवश्यक कार्रवाई होनें की बहानेबाजी
सहारा इंडिया कार्पोरेशन लिमिटेड में राशि जमा करनें वाले लोगों को काफी समय से भुगतान करनें की बजाय गुमराह करनें का खेल खेला जा रहा है। जानकारों के अनुसार सहारा इंडिया के ऊपर सेवी की जांच का शिकंजा कसनें के कारण शाखाओं के प्रबंधकों द्वारा सही जानकारी देनें की बजाय बाण्ड धारकों को भ्रमित किया जा रहा है। सीधी जिले में ऐसे सैकडों बाण्डधारी हैं जिनकी मैच्युरिटी राशि का भुगतान करनें के बजाय एजेंटों के माध्यम से सांठ-गांठ कर लोगों को छ: साल बाद ढ़ाई गुना ज्यादा का भुगतान देनें का लालच देकर नया बाण्ड पकड़ा दिया जाता है।
बाण्डधारक को यकीन रहता है कि मैच्युरिटी अवधि आनें पर उन्हें तत्काल भुगतान मिल जाएगा। यहीं से पूरे भ्रम का पर्दाफास होनें लगता है। जब बाण्डधारक नया बाण्ड लेनें को तैयार नहीं होता तो कहा जाता है कि प्रधान कार्यालय लखनऊ पूरे प्रपत्रों को भेंजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलनें के साथ ही राशि आनें पर भुगतान कर दिया जाएगा। दो महीनें का समय लेते-लेते कई महीनें निकल जाते हैं। लेकिन राशि का भुगतान अधर में लटका हुआ है।
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