पीएम सडक़ों की सुरक्षा पर जिला पंचायत अध्यक्ष नें लिखा पत्र,जीएम नें पत्र लिखकर खनिज अधिकारी से की हैवी वाहनों पर रोंक की मांग
सीधी।
जिले में कई रेत खदानों का संचालन शुरू होनें के बाद से रेत परिवहन में लगे हैवी वाहनों के ओव्हरलोड दौडऩें से प्रधानमंत्री सडक़ों के खराब होनें की संभावना बढ़ गयी है। लिहाजा जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह ने मप्र ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई सीधी के महाप्रबंधक एमपी सिंह परिहार को इस मामले में पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है।
जिला पंचायत अध्यक्ष के पत्र के परिपेक्ष में मप्र ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई सीधी के महाप्रबंधक नें 7 अक्टूबर को खनिज अधिकारी सीधी को पत्र लिखकर हैवी वाहनों के चलनें पर रोंक लगानें की मांग की गयी है। दरअसल तहसील मझौली एवं कुसमी क्षेत्र की सडक़ों की सुरक्षा को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह द्वारा मप्र ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई सीधी के महाप्रबंधक को पत्र भेंजकर इस पर चिंता जाहिर की गयी थी। जिसको गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री सडक़ योजना के महाप्रबंधक द्वारा खनिज अधिकारी से तत्काल कार्यवाई सुनिश्चित करनें की अपेक्षा की है। महाप्रबंधक नें अपनें पत्र में कहा है कि कई सारी रेत खदानें प्रारंभ हो चुकी हैं। ऐसे में महखोर तिराहे से टमसार-कुसमी प्रधामंत्री सडक़ सहित तहसील मझौली एवं तहसील कुसमी अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना से बनी हुई सडक़ों पर रेत से भरे हैवी वाहनों के चलनें की संभावनाएं हैं। रेत से भरे हैवी वाहनों के चलते से सभी सडक़ें क्षतिग्रस्त हो जाएंगी। सडक़ खराब होनें से आमजन को आवागमन में समस्याएं हो सकती हैं। इस वजह से तहसील मझौली एवं तहसील कुसमी अंतर्गत समस्त प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजनान्तर्गत निर्मित रोड़ में आठ टन (एक्सल लोड) से ज्यादा हैवी वाहन न चलें। इसके लिए विधिवत प्रतिबंधात्मक कार्यवाई करनें का निर्देश दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ें आठ टन लोड तक के लिए ही यातायात हेतु निर्मित की गयी है। इससे अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के यातायात से मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाएगा तथा इससे अधिका भार क्षमता के वाहन इन सडक़ों पर यातायात के प्रतिबंधित किए गए हैं। ऐसे में तहसील मझौली एवं कुसमी के साथ-साथ जिले से जहां कहीं रेत खदान/क्रेशर संचालित हैं वहां पर रेत खदान एवं क्रेशर मालिकों को खनिज विभाग द्वारा आदेशित करें कि वे प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना से निर्मित किसी भी मार्ग पर आठ टन से अधिक क्षमता के भारी वाहन बालू/गिट्टी का परिवहन न करें।
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