हाथरस कांड: उत्तरप्रदेश पुलिस ने कई महिला पत्रकारों के साथ की बदसलूकी एवं धक्का मुक्की, कई अधिकारी ससपेंड
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ था जिसको द हिंदू ने उसके जुबान भी काट दी थी और कमर एवं गले की हड्डियों को भी तोड़ दिया गया था पीड़िता के गांव 2 दिन से छावनी में तब्दील हो गया है जानकारी मिल रही है कि पीड़िता के घर के पास लगभग 150 पुलिसकर्मी तैनात हैं जो मृतक पीड़िता के परिजनों को घर से बाहर भी निकलने नहीं दिया जा रहा है और ना ही किसी से मिलने दिया जा रहा है। वहीं मृतक पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उनके बिना इच्छा के उनकी बेटी का दाह संस्कार कर दिया गया था। परिजनों ने कहा कि हम हिंदू रीति रिवाज के अनुसार दिन में दाह संस्कार करते लेकिन हाथरस पुलिस प्रशासन ने जबरजस्ती रात में ही दाह संस्कार कर दिए और वही दाह संस्कार ने करने रोकने गए परिजनों को भी धक्का मार कर भगा दिया गया उन्हें ना तो लाश को देखने दिया गया और ना ही वहां पर जाने दिया गया।
जानकारी यह मिल रही है कि एसआईटी टीम मृतक पीड़िता के घर जाकर दो दिन से जांच कर रही है कल पूरा दिन एसआईटी टीम जांच की वही मीडिया को जाने में रोक लगा रखा गया था। वही आज भी जब मीडिया टीम परिजनों से मिलने बात करने के लिए ग्राउंड जीरो पर पहुंची तो उन्हें 1 किलोमीटर पहले से ही बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया था । हालांकि कुछ टीवी चैनलों के पत्रकारों ने किसी तरह पीड़िता के घर के कुछ मीटर दूरी पर पहुंच चुके थे लेकिन उनके साथ भी बदसलूकी और धक्का-मुक्की की गई।
यूपी पुलिस महिला पत्रकारों के साथ की धक्का-मुक्की और दी धमकी:-
जब समाचार कवरेज करने कई टीवी चैनल के पत्रकारों ने ग्राउंड जीरो पर रिपोर्ट करने पहुंचे तो उन्हें मृतक पीड़िता घर से कई 100 मीटर दूर पहले ही रोक दिया गया था पत्रकारों में कई महिला पत्रकार थीं जिनके साथ पुलिसकर्मी बदसलूकी एवं धमकी भी दी।
आज तक की न्यूज़ एंकर एवं पत्रकार चित्रा त्रिपाठी जब उस गांव में रिपोर्टिंग करने पहुंची तो एसडीएम ने उनके साथ बदतमीजी की और उन्हें धमकी भी दी गई हालांकि धमकी और बदतमीजी तब की गई जब उनका लाइव कैमरा बंद था जैसे ही चित्रा त्रिपाठी उस अधिकारी के पास पूछने गई तो वह चुप्पी साध दिए थे उनका चेहरा नीचे से ऊपर तक नहीं हो पाया और वहां से भाग खड़े हुए। चित्रा त्रिपाठी को यह तक कह डाला कि आप लोग हमें काम नहीं करने देते आप यहां झूठ एवं अफवाह फैला रहे हैं।
ABP न्यूज़ चैनल की पत्रकार प्रतिमा मिश्रा से बदतमीजी एवं बदसलूकी की गई और उन्हें धक्का मारा गया उनके कैमरा मैन से भी हाथापाई की गई कुछ पुलिसकर्मियों के द्वारा प्रतिमा मिश्रा को जबरदस्ती पुलिस गाड़ी में बैठा लिया गया जिसमें कोई भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी जब पत्रकार के द्वारा लाइव कर दिखाया गया कि उन्हें बिना महिला पुलिस कर्मी के हमें जबरदस्ती पाया गया तो हुए बीच रास्ते में एक महिला पुलिसकर्मी को आनन-फानन में बैठा लिया और उन्हें मैन रोड पर जा कर छोड़ दिया गया वहीं कई पत्रकारों के साथ उत्तर प्रदेश की पुलिस हाथापाई एवं कपड़ा भी फाड़ दिए।
पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को बनाया मोहरा:-
एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल की महिला पत्रकार दीक्षा पांडे पीड़िता के घर के पास 50 कदम दूर पर पहुंच चुकी थी जैसे ही वहां मौजूद पुलिसकर्मी उन्हें देखा तो लगभग 20 ग्रामीण महिलाओं को मोहरा बना दिया और पत्रकार को रोकने की कोशिश करने लगे। आपको बता दें कि यही नहीं ग्रामीणों ने कई लोग लाठी डंडा लेकर ही वहां उपस्थित थे पत्रकारों के साथ ग्रामीणों ने जबर शुरू की थी तो वहां कई सैकड़ों पुलिसकर्मी भी मौजूद थे लेकिन किसी पुलिस कर्मी के मुंह से यह तक आवाज नहीं निकली की आप लोग पत्रकारों के साथ बदसलूकी या धक्का-मुक्की न करें वही कैमरामैन को खींचकर धक्का मार कर भगा दिया गया।
पीड़िता के भाई ने जिला कलेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप:-
पीड़िता के भाई ने मीडिया कर्मियों से बताया कि उसके घर में करीब 200 पुलिस वालों ने घेर रखा है उसने बताया हमारे ताऊ जी को भी लात से मारा गया था घर के सभी परिजनों का मोबाइल बंद कर दिया गया है। परिवार को बंधक बना लिया गया है जब मीडिया कर्मियों ने उस बच्चे से पूछा कि आप घर से कैसे भागे तो उसने बताया कि मैं चारा काटने के बहाने वहां से भाग कर चोरी छुपे आया हूं जब पुलिसकर्मियों को देखता था तो खेत में जाकर छिप जाता था। पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया की उसके ताऊ जी को हाथरस कलेक्टर ने सीने में लात मारा है ।जो अभी भी दर्द कर रहा है। पिता के भाई ने कहा कि घर वाले मीडिया से बात करना चाहते हैं घर में सब डरे हुए हैं।
जिला एसपी एवं अन्य पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित:-
हाथरस के जिला एसपी को निलंबित कर दिया गया है उनके साथ सात अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है।
हाथरस कांड पर चौतरफा घिरी योगी सरकार ने वहां के एसपी, डीएसपी व इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा संबंधित पुलिसकर्मियों का नार्को टेस्ट भी किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर व कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हालांकि इस बात की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि डीएम प्रवीण कुमार और एसपी विक्रांत वीर पर कार्रवाई हो सकती है और हुआ भी ऐसा ही।वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में बीते दिन के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। जिला व पुलिस प्रशासन की भूमिका के बारे में पूरा ब्योरा मांगा गया है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किये:-
इस बीच हाथरस कांड पर सीएम योगी ने शुक्रवार ने ट्वीट करके कहा- ‘उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। यह हमारा संकल्प है-वचन है
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