आंदोलन के बाद जागा प्रशासन ,पंचायत सचिव की लापरवाही हुई उजागर

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आंदोलन के बाद जागा प्रशासन ,पंचायत सचिव की लापरवाही हुई उजागर



आंदोलन के बाद जागा प्रशासन ,पंचायत सचिव की लापरवाही हुई उजागर
 

  
 सीधी।
विंध्य टाइगर जन कल्याण समिति टेकर के तत्वावधान में सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप तिवारी के द्वारा जनकल्याणकारी मांगों को लेकर गत 6 व 7 अक्टूबर को किए गए आमरण अनशन के पश्चात प्रशासन जागा। उसी के तहत ग्राम पंचायत नेबूहा में 8 अक्टूबर को शिविर का आयोजन कर लोगों के आवेदन लिए गए जिनमें 27 हितग्राही जो पात्र होते हुए भी पंचायत सचिव के निष्क्रियता व मनमानी के शिकार थे जिन्हें  योजनाओं के लाभ से वंचित किया गया था उन्हें सामाजिक सुरक्षा पेंशन,खाद्यान्न पर्ची दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई।
लोगों की माने तो सचिव जो उसी गांव के स्थाई निवासी होने के बाद भी उसी गांव में पदस्थ किया गया है जिनकी प्रथम नियुक्ति ही नेबूहा की है बावजूद  पंचायत राज अधिनियमके प्रावधान को का मखौल उड़ाते हुए इनके ऊपर सरकारी मेहरबानी व अपने प्रभाव के बल पर यहीं डटे हुए हैं जबकि किसी भी पंचायत सचिव को नियुक्त स्थान पर नहीं रखे जाने का नियम बनाया गया है जो स्थानीय राजनीति से प्रेरित व दुर्भावनावश पात्र होने के बाद भी कई लोगों को जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रखा है जिन्हें आंदोलन के बाद लगाए गए शिविर के पश्चात प्रशासन की ओर से की गई पहल से पात्रता की श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है जिन्हें अब कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है।

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