प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करेगी सीधी पुलिस,पुलिसिंग पर पीएम का मंत्र,सीधी में होगा साकार
शिवपूजन मिश्रा,सीधी।
2013 में सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस अकादमी हैदराबाद से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की एक साल की कड़ी ट्रेनिंग पूरी कर जब पंकज कुमावत ने अकादमी परिसर के बाहर कदम रखा तो मन मे एक ही संकल्प था जब भी ग्राउंड जीरो-फील्ड पर काम करने का अवसर मिलेगा तो यहां हासिल प्रशिक्षण की हर बारीकी और अर्जित अनुभव को कानून व्यवस्था और वर्दी की गरिमा बढ़ाने में लगा दूंगा। 4 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के दीक्षांत समारोह में 2018 बैच के प्रोबेशनर आईपीएस अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे, उस वक्त जिले के पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत को भी अकादमी के अपने दिनों की याद ताजा हो गई। पंकज कुमावत ने न सिर्फ पीएम के उद्बोधन को पूरा सुना बल्कि इस दौरान पीएम ने बेहतर पुलिसिंग को लेकर जो मन्त्र दिए हैं, उसे सीधी जिले में भी लागू करने की बात कही है। कुछ दिनों पहले ही सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 बैच के आईपीएस अधिकारियों को पुलिसिंग को लेकर कुछ ख़ास मंत्र दिए थे। इनमें पुलिस थानों में फाइलों के रखरखाव से लेकर वहां पहुंचने वाले लोगों और फरियादियों के साथ बर्ताव और साफ.-सफाई जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। पीएम द्वारा पुलिसिंग को लेकर दिए गए मंत्र को सीधी जिले में भी लागू किया जा रहा है। शिवपूजन मिश्रा ने इस संदर्भ में जब नवागत पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी के उद्बोधन न सिर्फ सुना है बल्कि उसे लागू करने के लिए प्रयास भी कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक स्वयं सभी थानों और चौकी प्रभारियों को स्वच्छता, फाइलों के रखरखाव, जनता के साथ संवाद जैसे विषयों पर समय-समय पर आवश्यक निर्देश देते रहते हैं। इसके लिए बकायाद एक कार्ययोजना के आधार पर कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
जिले में आपदा प्रबंधन की प्रासंगिकता:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्बोधन में आपदा प्रबंधन का विशेष आग्रह किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि सीधी जिले की भौगोलिक स्थिति को देखें तो यहां नैसर्गिक और मानवजनित दोनों ही प्रकार की आपदाओं की आशंका बनी रहती है। ऐसे में आपदा प्रबंधन को लेकर पीएम की ओर से दिए गए मंत्र को सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर जमीन पर सफल बनाना होगा। क्योंकि इससे कई सारी जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। सीधी जिले में नदी में डूबने से मौत, सड़क हादसे, जंगली जानवरों का उत्पात के साथ ही औद्योगिक आपदाओं की आशंका भी बनी रहती है, ऐसे में यदि थाने और चौकियों में आपदा प्रबंधन की टुकडिय़ां तैयार होती हैं, तो यह एक रोल मॉडल हो सकता है।
चाइल्ड फ्रेंडली हों थाने:
जिले में जिस प्रकार से महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधिक वारदात बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए हर थाने में महिला पुलिस बल की तैनाती के साथ बच्चों के साथ विनम्रता पूर्वक व्यवहार किए जाने का भी निर्देश पुलिस अधीक्षक क्राइम मीटिंग से लेकर थानों के औचक निरीक्षक के दौरान देते हैं।
एसपी की प्राथमिकता में साइबर क्राइम
इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से भारतीय पुलिस सेवा में आए पंकज कुमावत साइबर मामलों में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव साझा कर रहे हैं। जिले में साइबर और डिजिटल क्राइम को नियंत्रित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि पंकज कुमावत हैदराबाद आईआईटी से 2011 में बीटेक में दूसरा स्थान प्राप्त किया था। वह मुख्य रूप से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
कम्यूनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा
सामुदायकि पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ संवाद को बढ़ावा देते हुए उनके सुझावों पर अमल करने की तैयारी है। इस क्रम में पुलिस अधीक्षक ने हालही में सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के द्वारा कला और संस्कृति से जुड़े विषयों पर आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत लेकर उनका उत्साहवर्धन भी किया था। दरअसल ऐसे कार्यक्रमों का मकसद जनता और पुलिस के मध्य संवाद के तंतु को मजबूत करना है।
मीडिया के सवाल-पंकज कुमावत के जबाव
सवाल:
हाल ही में आपने संवाद कार्यक्रम शुरू किया है इस तरह कम्युनिटी पुलिससिंग को लेकर और क्या प्रयास कर रहे है?
जबाव:
लगातार जनता,गणमान्य नागरिकों से सीधे जुड़ाव के लिए वन टू वन का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें सभी वर्ग के लोगों से चर्चा कर अगर इनके प्रोफेसन में किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो इनके लिए पुलिस क्या मदद कर सकती है। पहले हमेशा जहां पुलिस की छवि नकारात्मक रहती थी लेकिन हमने चाय पर चर्चा कर नकारत्मक पहलुओं को दूर कर पुलिस को जनता का भरोशा जीतना है। पुलिस द्वारा आम जनता की सुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है।
सवाल:
थानों में स्वच्छता हो लोगों से दुव्र्यवहार न हो इसके लिए क्या निर्देश दिए गए है?
जबाव:
इसमें सबसे पहले अपने आप को बदलना चाहिए। अगर हम सबसे अच्छे से पेश आते है तो हमारे अधीनस्थ काम करने वाले कर्मचारियों में अलग संदेश जाता है। मेरे द्वारा सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए है कि थानों में आने वाले लोगों को परेशान न किया जाय। अगर फरियादी आ रहे है तो मुंसी के हवाले थाने न रहे थाना प्रभारी स्वयं फरियादियो से बात कर उनकी समस्याओं का निराकरण कराया जावे। अब सभी थाना प्रभारी 9:30 थाने में पहुंचने का आदेश दिया गया है। साथ ही सामुदायिक पुलिसिंग,आपराधिक तत्वों पर लगातार मानिटरिंग कर अवगत कराया जा रहा है। पहले की सारी व्यवस्थाओं को खत्म कर दिया गया। थानों में आने वाले फरियादियों के साथ पुलिसकर्मी अच्छे से पेश आये इसके लिए पहले ही निर्देश दिए जा चुके है।
सवाल:
आपदा प्रबंधन के लिए पुलिस विभाग के पास किस प्रकार की तैयारी होती है?
जबाव:
पहले पुलिस के पास संसाधनों की कमी बनी रहती थी। लेकिन अब शासन द्वारा पर्याप्त संख्या में राहत सामग्री होमगार्ड को प्रदाय किया गया है। होमगार्ड ट्रेंड जवानों द्वारा रेस्क्यू आपरेशन किये जाते है। हलाकि सीधी जिले में कुछ संसाधनों की कमी है जिससे कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डायल-100 योजना काफी कारगर साबित हो रही है। पहले जहां जिले में पुलिस के पास वाहनों के अभाव के साथ-साथ डीजल की कमी आ रही थी। लेकिन मेरे प्रभार लेते ही इन कमियों को दूर कर लिया गया है। जरूरत पडऩे पर हम बाहर के वाहनो को अधिग्रहण कर सकते है। शासन द्वारा पर्याप्त खर्च पुलिस पर किया जा रहा है।
सवाल:
आप इंजीनियरिंग पृष्ठिभूमि से है तो आपकी विशेषज्ञता पुलिसिंग के कार्य में किस प्रकार सहयोगी है?
जबाव:
हां मै कम्प्यूटर इंजीनियरिंग क्षेत्र से ही हूं। इससे बहुत ही लाजिकल तरीका व सांईटिफिक नजरिया पुलिसिंग को देने का प्रयास कर रहे है। खासकर सायबर सेल व सूचना संकलन में सांईटिफिक तरीके से काम किया जा रहा है। इसके जरिए चाहे सायबर क्राईम हो या चिटफंड कम्पनियों का क्राईम हो या चाहे गंभीर अपराध को निकाल करने में मदद मिल रही है। अभी हाल ही का कुसमी कांड में सांईटिफिक तरीके से आरोपियों के नाखूनों के ब्लड निकालकर अपराधियों को पकड़ पाने में कामयाबी मिल पाई थी। वहीं सायबर सेल की मदद से 10 लाख के मोबाईल ट्रेस करके संबंधितो को वितरित किया गया था।
सवाल:
पुलिस अधिकारी व जवानों में तनाव कम करने हेतु क्या प्रयास किए जा रहे है?
जबाव:
पुलिस की लंबी व कठिन ड्युटी होती है कोरोना काल के चलते अपनी जान की परवाह किए बिना आरोपियों की लगातार गिरफ्तारी की जा रही है। वर्तमान समय में तीन थाना प्रभारियों सहित 15 लोग कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे है। शारीरिक व मानसिक तनाव दूर करने के लिए पुलिसकर्मियों को नगद पुरूस्कार दिए जा रहे है तथा उनके कार्यो की प्रशंसा की जा रही है। कार्यो का क्रेडिट हमेशा कार्य करने वाले लोगों को दे रहे है। साथ ही नये बने पुलिस आवासों को पुलिसकर्मियों को दे दिए गए है ताकि वे अपने परिवार के साथ यहां रह सके। मप्र पुलिस स्वास्थ्य सुरक्षा योजना केवल पुलिस विभाग के लिए है इसमें पुलिसकर्मियों का फ्री में उपचार की व्यवस्था प्राईवेट अस्पतालों में भी की जा रही है। उपचार कराने के बाद बिल का भुगतान सीधे पुलिस अधीक्षक कार्यालय से किया जा रहा है। साथ ही पुलिसकर्मियों के स्वयं के आवेदन पर स्थानांतरण भी कर रहे है ताकि पुलिसकर्मी तनाव में न रहे। अभी कोरोना के चलते साप्ताहिक अवकाश स्थगित किया गया है जल्द ही इस योजना का सीधी में संचालित किया जायेगा।
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