आखिर किसके संरक्षण में हो रहा रेत का उत्खनन परिवहन,इन ग्रामों से रेत निकासी
(✍️आर.बी.सिंह,राज)सीधी ।
इन दिनों मझौली क्षेत्र में आवास हितग्राहियों को एक तरफ जहां रेत को लेकर भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है व कई प्रधान मन्त्री आवास रेत न उपलब्ध हो पाने के कारण आधे-अधूरे पड़े हुए हैं वहीं दूसरी तरफ नजदीकी ग्रामों के रेत माफियाओं द्वारा जिस तरह रेत उत्खनन एवं परिवहन का अबैध कारोबार किया जा रहा है और दुगना, तीन गुना दाम पर रेत की बिक्री की जा रही है उससे कहीं न कहीं आम जनमानस में सवाल पैदा होता है कि आखिर इस तरह रेत का अवैध कारोबार किसके संरक्षण में हो रहा है? क्योंकि क्षेत्र में ना तो रेत की वैध खदान है और ना ही रेत निकासी का कोई प्रावधान, यानी रेत उत्खनन एवं परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध के होते हुए इस तरह का कारोबार अपने आप कई सवाल पैदा करता है जिसमें प्रशासन की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महान नदी के आजू-बाजू ग्रामों के कई जगहों से रेत का उत्खनन एवं परिवहन किया जाता है व चमराडोल एवं परसिली तरफ से बनास नदी एवं अन्य छोटी नदियों एवं नालों से भी रेत का कारोबार किया जाता है।
हो सकती है छवारी घटना की पुनरावृत्ति:-
आपको बता दें कि पिछले वर्ष ग्राम छवारी में रेत माफियाओं द्वारा पुलिस दल पर हमला कर दिया गया था जहां कई पुलिस कर्मी घायल भी हुए थे वहीं इस समय रेत माफियाओं के कारोबार को देखकर अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं उसी तरह घटना की पुनरावृत्ति ना हो जाए। ऐसे में देखना होगा कि जिले के पुलिस कप्तान मझौली थाने की व्यवस्था को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
इन ग्रामो से निकाली जा रही रेत:-
मझौली से लगे ग्राम मेड़रा, छुही, छवारी, पोड़ी, साइजनहा, खड़ौरा, देवई, डांगा, खड़ौरा, जोबा, देवरी, जमुआ नं.01 व जमुआ नं.02, धनौली, नेबूहा, पांड, पोड़ी, सेमरिहा, चमराडोल, बोदारी, परसिली, नौढिया आदि ग्रामो से लगी नदियों व नालों से भारी मात्रा मे रेत का कारोबार किया जा रहा है।
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