किसानों को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने की साजिश कर रही मोदी सरकार: दीपू
सीधी।
हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में पास किए गए कृषि से संबंधित तीन अध्यादेशो का जहां सड़क से लेकर संसद तक भारी विरोध हो रहा है वहीं किसान संगठनों सहित सभी विपक्षी दल इसे किसान विरोधी काला कानून कह रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी ने भी उक्त किसान विरोधी कानून का पुरजोर विरोध करते हुए इसे खेत और किसानों को पूरी तरह से कारपोरेट के हवाले कर किसानों को उद्योगपतियों का गुलाम बनाने की मोदी सरकार की साजिश करार दिया है।
जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रदीप सिंह दीपू ने जारी बयान में कहा है कि मोदी सरकार का एकमात्र उद्देश्य पूरे देश की संपदा मुट्ठी भर अपने उद्योगपति मित्रों के हाथों में सौंप कर पूरे देश का कॉरपोरेटाइजेशन करना है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा संसद में पास किए गए किसान विरोधी 3 काले कानून का एकमात्र उद्देश्य खेती की जमीन और किसानों को कारपोरेट के हवाले कर देना। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कृषि से संबंधित मोदी सरकार ने जो काले कानून पास किया है उसमें किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गारंटी सरकार द्वारा नहीं ली गई है और ना ही प्राइवेट एजेंसी एवं किसान के बीच फसल के मूल्य को लेकर किसी भी प्रकार के विवाद होने पर किसानों को कोर्ट में जाने का अधिकार भी नहीं दिया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उक्त किसान विरोधी कानूनों को संसद में पास कर बड़ी चालाकी से किसानों का जमीन का मालिकाना हक खत्म करके खेती की जमीन को कारपोरेट फार्मिंग के लिए उपलब्ध कराना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने कहा कि यदि सरकार की एमएसपी को लेकर नियत साफ है तो मंडियों के बाहर होने वाली खरीद पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने से सरकार क्यों इंकार कर रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम खरीदी पर प्रतिबंध लगाकर किसानों को कम रेट देने वाली प्राइवेट एजेंसी पर कानूनी कार्यवाही की मांग को सरकार क्यों खारिज कर रही है? इसका प्रावधान उक्त अध्यादेश में क्यों नहीं है ? कोरोना काल मे किसान विरोधी कानून बनाने की मांग सरकार से किसने की किसानों ने या उद्योगपतियों ने। यदि किसानों ने की है तो आज पूरे देश के किसान सड़क पर उतर कर सरकार के किसान विरोधी फैसले के खिलाफ संघर्ष क्यों कर रहे हैं ? मोदी जी ने पूरे कृषि क्षेत्र को उद्योगपतियों के हवाले करने का षड्यंत्र किया है।
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