निशांत की मौत पर सत्ताधारी जन प्रतिनिधि क्यों हैं मौन: सुरेश
सीधी।
विगत दिनों जिस प्रकार से निशान्त प्रकाश श्रीवास्तव की मौत हुई वो सीधी जिला चिकित्सालय की व्यवस्था एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी की स्वेच्छा पूर्ण रवैय का जीता जागता प्रमाण है। 5 घंटे एम्बुलेंस के इन्तजार में जिस प्रकार से जमीन पर तड़प-तड़प कर निशांत की जान चली गई वो इस महामारी के चिकित्सा के व्यवस्था के माथे पर कलंक है।
उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश प्रताप सिंह चौहान ने जारी एक विज्ञप्ति में कही हैं।
श्री चौहान ने आरोप लगाया है कि हमारे सत्ताधारी जनप्रतिनिधि की संवेदनाएं मर चुकी हैं क्योंकि जो हमारे जिले के सत्ताधारी सांसद, विधायक जो विकास की झूठी गाथा गला फाड़-फाड़ कर गाते नहीं थकते जिले के लिये योजनाओं के नाम पर कुछ राशि की मंजूरी मिलने पर सोशल एवं प्रिंट मीडिया में फोटो दिखाने की झड़ी लग जाती है और दिल्ली से लेकर पंचायत तक भक्तों द्वारा विकास के घडियाली आंसू बहाये जाते हैं परन्तु दवाई और एम्बुलेंश के अभाव में 40 वर्ष का नौजवान जमीन पर तड़प कर दम तोड़ देता है और यही सत्ताधारी जनप्रतिनिधि इस पर मौन साधे हुये हैं।
श्री सिंह ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीधी की यह पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व ब्लड के अभाव में एक महिला ने तडप कर दम तोड दिया था। जिला चिकित्सालय सीधी के कारनामे आये दिन प्रकाश में आते रहते हैं।
श्री चौहान ने कहा कि निशांत प्रकाश श्रीवास्तव के प्रकरण में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जिला चिकित्सालय से अन्यत्र पदस्थ कर इनके विरूद्ध जांच एवं सख्त कार्यवाही की जाय।
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