बेरोजगारी को लेकर कलेक्ट्रेट में कारोबारियों ने लगाई गुहार, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन
सीधी।
वैश्विक महामारी कोरोना ने कई कारोबारों को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। लिहाजा जिले में भी हजारों लोग 5 महीने से बेरोजगारी की दंश झेलने को मजबूर हैं। उनका कारोबार लगाये गये प्रतिबंधों के चलते अब भी शुरू होने को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। ऐसे में आज शादी ब्याह के कारोबार से जुड़े लोग रैली निकालकर फरियाद करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे।
कलेक्ट्रेट पहुंचे बेरोजगारों द्वारा प्रधानमंत्री के नाम से काफी मार्मिक ज्ञापन सौंपकर अपनी परेशानियों को बयां किया गया है।
प्रधानमंत्री से की मार्मिक अपील
इवेंट एसोसिएशन सीधी द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि देश में मार्च 2020 से फैली कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन कर दिया गया था। पूरे देश के साथ सीधी जिला भी लॉकडाउन रहा। कुछ समय पहले से सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया क्रमश: शुरू की गयी है। जिसके चलते गवर्मेंट सक्टर के साथ ही ज्यादातर प्रायवेट सेक्टरों में कामकाज शुरू हो चुका है। कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसें, प्रायवेट वाहन, शराब की दुकानें, होटल, रेस्टोरेंट, जिम, जनरल स्टोर, मंदिर, मश्जिद, गुरुद्वारा सभी कुछ धीरे-धीरे खुल चुके हैं। फिर भी वैवाहिक कार्यक्रमों से जुड़े कई कारोबार में आज भी पावंदी लगायी गयी है। जिसके चलते साउंड, लाइट, टेंट, विवाह घर, खाना मिस्त्री, लावर, घोड़ा बग्घी और कलाकरों का काम आज भी बंद है। यह सब कारोबार सीजनेबल होते हैं। शेष समय इससे जुड़े लोग खाली ही बैठे रहते हैं। कोरोना की पावंदियों के चलते सांस्कृतिक, सामाजिक, धार्मिक, शादियों का आयोजन बंद है। इन कारोबारों में रोंक लगाये जाने के कारण इससे जुड़े लोग भी मार्च महीने के अंतिम समय से पूरी तरह से बेरोजगार हो गये हैं। अप्रैल और मई महीने में ही वैवाहिक कार्यक्रमों का बड़ा आयोजन होता था। जिसके चलते कारोबार से संबद्ध लोग 5 महीने आगे के लिए अपनी रोटी का इंतजाम कर लेते थे। कोरोना की पावंदियों के चलते उनका पूरा कारोबार ठप हो गया है और कई परिवारों में भूंखों मरने के हालात उत्पन्न हो चुके हैं। उक्त व्यवसाय से आपरेटर, मिस्त्री, लेवर, गाड़ी, इलेक्ट्रीशियन जैसे आठ हजार परिवार का घर चलता था। यह लोग 6 महीने से बेरोजगार बैठे हैं। इस व्यापार में लगभग छोटे व्यवसायी हैं। इनके द्वारा अपना सामान रखने के लिए दुकान और गोदाम किराये पर लिए गए हैं। पूरा धंधा ही चौपट हो जाने के कारण वह किराया तक नहीं दे पा रहे हैं और मालिकों का प्रेशर लगातार झेल रहे हैं।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि कई ऐसे लोग हैं जिनके द्वारा अपना कारोबार शुरू करने के लिए बैंक से लोन भी लिया गया है। लोन की किस्त समय पर न जमा होने के कारण वो डिफाल्टर होते जा रहे हैं। बेरोजगारी के चलते घर का किराया, बच्चों की स्कूल एवं ट्यूशन फीस, किराना, दूध जैसी जरूरत की चीजें अब पहुंच से दूर हो चुकी हैं। बेरोजगारी के चलते कारोबार से संबद्ध परिवारों के बच्चों का भविष्य भी खतरे में आ चुका है। किसी ने भी कोरोना की इस भयावह स्थिति का पहले से अंदाजा नहीं लगाया था। जिसके चलते हजारों परिवारों को अब शासन के लगाये गये कड़े प्रतिबंध से सडक़ पर आने की स्थिति निर्मित हो गयी है।
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