अतिथि, विद्वान शिक्षकों को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने कही बड़ी बात
महाविद्यालयों के अधूरे निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण होंगे
प्राचार्य महाविद्यालयों में पढ़ाई का माहौल करें तैयार
अतिथि, विद्धान शिक्षकों के साथ शीघ्र ही न्याय होगा तथा महाविद्यालयों के अधूरे निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण होंगे। सभी प्राचार्य महाविद्यालयों में पढ़ाई का माहौल तैयार करें। यह निर्देष उच्च षिक्षा मंत्री डा0 मोहन यादव ने आज सागर के प्राचायों की संभागीय समीक्षा बैठक में स्वषासी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, में प्राचार्यों की संभागीय समीक्षा बैठक में दिए।
इस अवसर पर बीज निगम के अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह यादव, पूर्व मण्डी अध्यक्ष श्री सुधीर यादव, श्री शैलेश केशरवानी, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विष्वविद्यालय, के कुलपति डा. टीआर थापक, संयुक्त संचालक उच्च षिक्षा श्री एलएल कोरी, प्राचार्य श्री जीएस रोहित, श्री रामकुमार गोस्वामी सहित संभाग के 5 अग्रणी एवं जिले के 18 महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।
उच्च शिक्षा मंत्री डा. यादव ने कहा कि, मध्यप्रदेश सरकार सबका साथ सबका विकास के साथ कार्य कर रही है। महाविद्यालयों में कार्य कर रहे अतिथि विद्वान षिक्षक जो शेष रह गए है, उनके साथ शीघ्र ही न्याय होगा। उन्होंने कहा कि, सरकार ने उनके लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है जो आने वाले समय में दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि, कोरोना संक्रमण काल में समस्त प्रकार की आर्थिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जा रहा। जो महाविद्यालय निर्माणाधीन है उनका निर्माण पूर्ण करवाकर शीघ्र ही शैक्षणिक कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि, नई शिक्षा नीति की गाईडलाईन के तहत अब हमें अपने-अपने महाविद्यालयों में व्यवस्था करना होगी, जिससे अब सभी महाविद्यालय विश्वविद्यालय के तर्ज पर कार्य कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि, नई षिक्षा नीति इसी सत्र से प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने समस्त प्राचार्यों को अपने-अपने महाविद्यालयों में नवीन कोर्स प्रारंभ करने की कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि, कॉलेजों में अब पढ़ाई का माहौल निर्मित किया जाए, क्योंकि कोरोना सक्रंमण के कारण पढ़ाई का माहौल पिछड़ा हुआ है। उन्हांने समस्त प्राचार्यों को निर्देश दिए कि, अपने-अपने महाविद्यालयों में सभी संवर्ग के साथ एक जैसा व्यवहार कर शैक्षणिक कार्य कराएं जाएं।
प्रारंभ में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा श्री एलएल कोरी ने स्वागत भाषण देते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। एमसीबीयू के कुलपति डा. टीआर थापक ने कहा कि, महाराजा छत्रसाल विष्वविद्यालय अपनी प्रगति के पंख लगा चुका है। इस सत्र से चार विषयों जिसमें अर्थषास्त्र, राजनीतिषास्त्र, हिन्दी एवं संस्कृत के विषय प्रारंभ होंगे। उन्होंने बताया कि, अभी विष्वविद्यालय में 55 शासकीय एवं 128 अषासकीय महाविद्यालय संबंद्धता प्राप्त हैं तथा इनमें एक लाख 60 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। उन्होंने बताया कि, विष्वविद्यालय के लिए शासन द्वारा 418 एकड़ भूमि प्रदान की गई है, जिसमें 148 करोड़ रूपये की राषि का भवन प्रस्तावित है। कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य बीडी अहिरवार ने किया।
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