रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर की लिखित प्रिस्क्रिप्शन के आधारपर ही मिलेंगी नींद एवं ट्रंक्वेलाइजर श्रेणी तथा गर्भपात,गर्भ समापन की दवाइयां

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रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर की लिखित प्रिस्क्रिप्शन के आधारपर ही मिलेंगी नींद एवं ट्रंक्वेलाइजर श्रेणी तथा गर्भपात,गर्भ समापन की दवाइयां



रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर की लिखित प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही मिलेंगी नींद एवं ट्रंक्वेलाइजर श्रेणी तथा गर्भपात,गर्भ समापन की दवाइयां


धारा 144 के अंतर्गत आदेश जारी


इंदौर।  जिले में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने दण्डप्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए निर्देश दिये हैं कि नींद एवं ट्रंक्वेलाइजर श्रेणी तथा गर्भपात या गर्भ समापन की दवाइयों का विक्रय केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के लिखित प्रिस्क्रिप्शन पर ही किया जाए। 
            इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के अन्तर्गत जन सामान्य के हित, जानमाल एवं लोक शांति को बनाये रखने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जारी आदेशानुसार इन्दौर जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में समस्त नाईट्राजेपाम टेबलेट्स (समस्त नाईट्रावेट टेब्लेट्स), समस्त क्लोनेजेपाम टेब्लेट्स, समस्त डायजेपाम टेब्लेट्स (समस्त वेलियम-10 टेब्लेट्स, कॉम्पोज टेब्लेट्स), ऑक्साजेपाम टेब्लेट्स इत्यादि,समस्त इटिझोलाम टेब्लेट्स, समस्त एल्प्राजोलम टेब्लेट्स, (रिवोट्रिल आदि), समस्त कोडीन फास्फेट सिरप/टेब्लेट्स (कोरेक्स सिरप, टेब्लेट्स आदि), क्लोजापाम टेब्लेट्स (फ्रीजीयम टेब्लेट्स आदि) इत्यादि का विक्रय केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के लिखित प्रिस्क्रिप्शन पर ही किया जा सकेगा। साथ ही गर्भपात या गर्भ समापन संबंधित औषधियां जैसे Ru 486, Mifepristone एवं Misoprostal व उसके ग्रुप श्रेणी की दवाइयों, गोली, इंजेक्शन, जैल का विक्रय केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के लिखित प्रिस्क्रिप्शन पर ही हो सकेगा। लिखित प्रिस्क्रिप्शन की छायाप्रति संबंधित मेडिकल स्टोर पर रखना होगी। आदेश में निर्देश दिये गये हैं कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं पदेन उप संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, इन्दौर अपने अधीनस्थ औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारियों के माध्यम से नियमित एवं आकस्मिक निरीक्षण कर उक्त आदेश का प्रभावी परिपालन सुनिश्चित् करेंगे। अनियमितता पाई जाने पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित् करेंगे।
            यह आदेश 15 सितम्बर, 2020 से लागू होकर 12 नवम्बर, 2020 तक प्रभावशील रहेगा। उक्त  अवधि में उक्त आदेश का उल्लघंन धारा-188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।

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