शिक्षक दिवस पर अतिथि शिक्षकों ने मनाया काला दिवस , मांग पूरी न होने पर घेराव की चेतावनी

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शिक्षक दिवस पर अतिथि शिक्षकों ने मनाया काला दिवस , मांग पूरी न होने पर घेराव की चेतावनी





Teachers Day: शिक्षक दिवस पर अतिथि शिक्षकों ने मनाया काला दिवस , मांग पूरी न होने पर घेराव की चेतावनी



   सीधी। 
जहां एक तरफ शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों का सम्मान किया जा रहा है वहीं प्रदेश के अधिक शिक्षक आज रोड पर निकलकर काला दिवस मनाया।  शिक्षक दिवस के दिन  अथिति शिक्षको ने मांगों को लेकर वैदिका भवन में इकट्ठा हुए और वहां से निकलते हुए कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया । बात करने पर जिला अध्यक्ष रवि कांत गुप्ता ने बताया कि अतिथि शिक्षक पिछले 13 सालों से अपनी मांगों को लेकर लामबंद है। लेकिन प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस की बनती और बिगड़ती रही  लेकिन अतिथि शिक्षक आज भी वहीं पर स्थाई है । ना तो अतिथि शिक्षकों को लेकर आज तक कोई नहीं बनाया गई और ना ही सरकार उनके भविष्य को लेकर चिंतित है । 

12 माह सेवाकाल व स्थाई रोजगार की मांग:-

अतिथि शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अमित मिश्रा ने बताया कि हम सरकार से अपने पद का स्थायित्व नाम करते हैं वह सरकार ने 12 माह का सेवाकाल तथा स्थाई रोजगार प्रदान करें।  मध्यप्रदेश के  समस्त शासकीय विद्यालयों में विगत 13 वर्षों से लगभग 70000 अतिथि शिक्षक अत्यंल्प मानदेय में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं जिनको प्रतिवर्ष सेवा से प्रथक कर दिया जाता है 12 वर्ष सेवा देने के बाद भी अधिक शिक्षकों के लिए कोई भी सुरक्षित नीति नहीं बनाई गई अतिथि शिक्षकों के परिवार में आर्थिक संकट गाना बजा रहा है। अतिथि शिक्षक के परिवार के लगभग 60 से अधिक अतिथि शिक्षकों ने आत्महत्या जैसे कदम उठा लिया जिससे उनके परिवार का पालन पोषण करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है

श्रम कार्यालय के आदेश का नहीं हुआ पालन:-

 अतिथि शिक्षकों की इस भयंकर महामारी में हालत काफी दयनीय हो रही है अतिथि शिक्षक  इस महामारी से बाद में मरेंगे बल्कि उनका परिवार भूख से पहले ही मर जाएगा क्योंकि आज शिक्षकों को अप्रैल 2020 से स्कूलों से बाहर कर दिया गया है तथा उनको अभी पिछला मानदेय भी नहीं दिया गया है जिससे उनके परिवार का भरण पोषण कर पाना काफी मुश्किल हो रहा है ।  जबकि श्रम कार्यालय ने आदेश दिया था कि किसी भी कर्मचारी व मजदूरों को कोरोना काल का भी मानदेय देने का आदेश किया गया था । लेकिन अतिथि शिक्षकों को मानदेय तो नहीं दिया गया उलट उन्हें पद से भी प्रथक कर दिया गया ।

मानदेय मगने व शिकायत करने पर संकुल प्रचार व विकास खंड अधिकारी द्वारा एफ आई आर कराने की दी जाती है धमकी 
सरकार ने अधिक शिक्षकों की  हालात बद से बदतर कर दी है लेकिन सरकार से ज्यादा संकुल प्रचार व विकास खंड शिक्षा अधिकारियों ने अतिथि शिक्षकों को परेशान किया है ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें अतिथि शिक्षकों को पिछली जुलाई से मानदेय नहीं दिया गया है और यदि अतिथि शिक्षक ने मानदेय व नियुक्ति संबंधी    उच्च अधिकारियों से शिकायत करते हैं तो उनके ऊपर एफ.आई.आर. कराने व बाद में देख लेने की धमकी दी जाती है।


संकुल केंद्र व विकास खंड शिक्षा कार्यालय का होगा घेराव:-

संगठन के उपाध्यक्ष शशांक द्विवेदी द्वारा बताया गया कि अब अतिथि शिक्षकों को शिकायतों का निराकरण मानदेय दिलाने हेतु संकुल केंद्र व  विकास खंड शिक्षा कार्यालय का होगा घेराव करेंगे इसकी शुरुआत हुई संकुल से होगी जो 11 सितंबर से होगी वहां पर अतिथि शिक्षकों के कई मामले ऐसे आए हैं जिसमें नियुक्तियो के संबंध में व मानदेय संबंधी जानकारी प्राप्त हुई है । और अपने मानदेय की मांग करने पर वहां के प्राचार्य के द्वारा अतिथि शिक्षक के ऊपर एफ.आई.आर. कराने की धमकी दी गई है। यदि 10 सितंबर अतिथि शिक्षक शिकायत का निराकरण नहीं होता तो आने वाले समय में संकुल के अतिथि शिक्षक व जिले के अतिथि शिक्षक  पहुंचकर आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे ।

ये रहे उपस्थित:-

राकेश मिश्रा नवाब सिंह संदीप मिश्रा अनिल गुप्ता अजीत पटेल उमेश पटेल अमृतलाल साकेत राजेश विश्वकर्मा  बैजनाथ प्रजापति किरण गुप्ता व अन्य उपस्थित

        कार्यकारी जिलाध्यक्ष
        अमित कुमार मिश्रा

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