पढिये आज की बड़ी खबर।।मध्यप्रदेश के सीधी जिले की तीन बड़ी खबरें

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पढिये आज की बड़ी खबर।।मध्यप्रदेश के सीधी जिले की तीन बड़ी खबरें


सीधी


कुंआरे ने सपने में भी नहीं सोचा था, उसे मिलेगा जमीन का मालिकाना हक
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सम्पूर्ण प्रदेश में मनाए जा रहे गरीब कल्याण सप्ताह का तीसरा दिन प्रदेश के 27 हजार 371 आदिवासियों के लिए खुशियों सौगात ले कर आया है। वनाधिकार उत्सव कार्यक्रम तहत इन परिवारों को उनकी भूमि का मालिकाना हक प्रदान करते हुए वनाधिकार पट्टे का वितरण किया है। सीधी जिले के ग्राम तेगवां के निवासी 55 वर्षीय कुंआरे बैगा को 0.55 हेक्टेयर का वनाधिकार हक प्रमाण पत्र प्रदाय किया गया।

 कुंआरे बैगा बताते हैं कि वह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाला अत्यन्त गरीब व्यक्ति है, उन्हें जीवन यापन के लिए वन भूमि पर आश्रित रहना पड़ता था। इसके सिवाय मेरे पास कोई भूमि नहीं थी। उनकी पत्नी रामवती बैगा दिव्यांग है, उसे सरकार की ओर से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। कुंआरे बैगा कहते हैं कि  उन्हें कभी नहीं लगता था कि मेरी भी कोई जमीन होगी और जिस भूमि पर वे खेती कर रहे हैं वन भूमि होने के कारण उन्हें कभी भी बेदखल किया जा सकता है। आज वे बहुत खुश और चिंता मुक्त हैं। उक्त जमीन का आज सरकार ने मालिकाना हक दे दिया है। अब उन्हें जमीन से कोई भी बेदखल नहीं कर सकता है। कुंआरे कहते हैं कि यह सरकार गरीबों की सरकार है और गरीबों के हितों के लिये कार्य कर रही है। नहीं तो उन जैसे गरीब को पट्टा मिलना संभव ही नहीं था। अब उनका और परिवार का जीवन चिंतामुक्त व्यतीत होगा।


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वनाधिकार हक मिलने से खुश हैं जयलाल, जमीन से बेदखली का अब भय नहीं


     सीधी जिले के रामपुर नैकिन विकासखण्ड के ग्राम अहिरान टोला निवासी 65 वर्षीय किसान जयलाल सिंह वनाधिकार हक  मिलने से बहुत खुश हैं, अब वे जमीन से बेदखल करने की चिंता से मुक्त हो चुके हैं और आधुनिक तरीके से खेती कर आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।

जयलाल ने बताया कि वर्षों से काबिज जमीन पर खेती करते आ रहे थे, लेकिन सरकारी रिकार्ड में वन विभाग की जमीन होने के कारण उन्हें बेदखल कर दिया जाता था, इससे हमेशा भय बना रहता था। उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग लेकर मुझे वनाधिकार हक प्रदान किए हैं जिसके लिए वे हृदय से आभारी हैं। अब वे बेदखल होने की चिंता से मुक्त हो चुके हैं। ग्राम अहिरान टोला में जयलाल को 0.499 हेक्टेयर जमीन का वनाधिकार हक मिला है। उन्होंने बताया कि उनको शासन द्वारा अन्य योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है। परिवार  के लिए अनाज, गैस और बिजली का लाभ भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 600 रुपये की सम्मान राशि भी मिलती है। उनके द्वारा खरीफ व रबी दोनों सीजन में धान एवं मक्का की खेती की जा रही है।

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उदयभान को मिला भूमि का मालिकाना हक


प्रदेश सरकार द्वारा आदिवासियों के हितार्थ संचालित वनाधिकार पट्टों को दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इन्‍ही प्रयासों से सीधी जिले के ग्राम तेगवां निवासी उदयभान बैगा को 1.20 हेक्‍टेयर भूमि का पट्टा वनाधिकार उत्‍सव कार्यक्रम में प्रदान किया गया। उदयभान वनाधिकार हक प्रमाण पत्र पाकर भूमि का मालिक बन गए। प्रमाण पत्र मिलने पर वह काफी खुश नजर आये। 

उदयभान बैगा बताते हैं कि उनके पास कोई जमीन नहीं थी, उनका जीवन यापन वन की भूमि से ही होता था।  उनके बाबा-दादा ने ही जमीन पर कब्जा कर रखा था और उनकी रोजी-रोटी का साधन भी यही जमीन थी लेकिन पट्टा अभी तक हमें प्राप्त नहीं हुआ था। लेकिन अब सरकार के प्रयास से मुझे अपनी भूमि का मालिकाना हक मिल गया है। उदयभान कहते हैं कि उन्हें  कोई अपनी जमीन से बेदखल नहीं कर पायेगा और यह पट्टा पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार को हस्तान्तरित होता चला जायेगा। उन्हें 1.20 हेक्टेयर भूमि का पट्टा दिया गया है जो उनके लिये पर्याप्त है।  उदयभान कहते हैं कि भूमि का पट्टा मिल जाने से अब बेफिक्र होकर आसानी से खेती कर सकेगें। साथ ही शासन द्वारा मिलने वाली सिंचाई सुविधाओं का लाभ प्राप्‍त हो सकेगा।

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