सीधी।।रिस्ते के मामा ने ही किया था नाबालिक भांजी के साथ दुष्कर्म,आहत होकर कर ली थी आत्महत्या
घटनाकारित करने के बाद भाग गया था मुंबई
2 साल पहले घटना को दिया था अंजाम
(✍️शिवपूजन मिश्रा )सीधी।
बहरी थाना के सारोकला छुहिया में 2 साल पहले एक नाबालिक द्वारा आत्महत्या कर लिया गया था। जब नाबालिक का पीएम कराया गया तो पता चला कि इसके साथ दुष्कर्म हुआ है। तब बहरी पुलिस ने अज्ञात पर 376 पास्को एक्ट व 306 का मामला दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। आपको बतातें चलें कि नवागत पुलिस अधीक्षक पंकज कुमावत के द्वारा पदभार ग्रहण करते ही समस्त लंबित अपराधों की फाइलें तलब की गई जिनमें गंभीर किस्म के मामलों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए । इसी तारतम्य में थाना बहरी में वर्ष 2018 में पंजीबद्ध मार्ग की केस डायरी का अवलोकन करने के पश्चात थाना प्रभारी बहरी एवं अपराध के संबंधित विवेचक उपनिरीक्षक प्रियंका कुशवाहा को बिंदुवार निर्देश दिए गए एवं उसका कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने पर 5 हजार रुपए के पुरस्कार की घोषणा भी की गई । उपरोक्त मार्ग में एक नाबालिक द्वारा आत्महत्या कर लिया गया था जिसका पोस्टमार्टम कराने के उपरांत यह खुलासा हुआ था कि उपरोक्त नाबालिक के साथ दुष्कर्म हुआ है। जिस पर मामला पंजीबद्ध कर मामले की तह तक जाने के लिए टीम द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री अंजुलता पटले के मार्गदर्शन में अथक मेहनत की गई जिसके फलस्वरूप संदेही सूर्यभान उर्फ सूरज कोरी पिता जगनमोहन कोरी 22 वर्ष निवासी सारोकला छुहिया से पुलिस द्वारा कड़ी पूंछतांछ की गई। तब सूरज ने पूरी कहानी बयां की। सूरज ने बताया कि नाबालिक लड़की के रिस्ते में मामा लगते है तथा उसको बुलाकर अश£ील फिल्म दिखाई जाती थी। फिर बाद में अवैध संबंध बन गए। लेकिन इस बात की जानकारी किसी को नही थी। अचानक किसी बात को लेकर वो फांसी पर झूल गई। जिसके बाद मैं काफी डर गया व उसके बाद मैं सुबह ही मुंबई चला गया। अब जब मामला ठंडा हो गया तब मैं अपने घर आया। घर में आते ही पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। समस्त कार्रवाई में थाना प्रभारी बहरी कपूर त्रिपाठी, उप निरीक्षक प्रियंका कुशवाहा, उपनिरीक्षक इंद्राज सिंह, आरक्षक महेंद्र व रघुराज सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
घर वाले भी नही कर रहे थे शक:-
नाबालिक के आत्महत्या कर लेने के बाद भी परिजन उक्त आरोपी पर शक नही कर रहे थे। शक करने की वजह भी थी वह लड़की का मामा लगता था इसलिए परिजन उस पर शक नही कर रहे थे। जिसकी वजह से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। मुखबिरों की सूचना के आधार पर बहरी पुलिस ने जब मुंबई से अपने घर आया तो पुलिस ने हिरासत में लेकर कड़ी पूंछतांछ की गई। पूंछतांछ में वह अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
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