कोरोना से बचने के लिए करें ये उपाय, लक्षण दिखने पर करें ये काम

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कोरोना से बचने के लिए करें ये उपाय, लक्षण दिखने पर करें ये काम



कोरोना से बचने के लिए करें ये उपाय, लक्षण दिखने पर करें ये काम


सीधी।

   मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एल. मिश्रा द्वारा बताया गया कि कोरोनावायरस कोविड-19 के अंतर्गत कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए बुखार, सर्दी, जुखाम, खांसी गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ के उपचार एवं जांच हेतु जिले में 11 फीवर क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं। उक्त लक्षण वाले रोगियों की निःशुल्क जांच एवं उपचार और दवा के लिए समस्त फीवर क्लीनिक जिला अस्पताल सीधी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर नैकिन, चुरहट, सेमरिया, मझौली एवं कुसमी, सिहावल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरगवां, अमरपुर अमिलिया एवं बिठौली के अंतर्गत अलग से काउंटर संचालित किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति पॉजिटिव आता है, तो उसकी प्रथम जिम्मेदारी सबसे पहले संपर्क में आए हुए लोगों की सूची तत्काल स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम को उपलब्ध कराने की होनी चाहिए। पॉजिटिव लोग अपने संपर्क में आए सभी परिचितों से फोन पर तुरंत संपर्क कर नजदीकी फीवर क्लीनिक में जांच कराने के लिए समझाइश दें। फीवर क्लीनिक पर उपरोक्त सुविधाये निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। 

  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिश्रा ने  बताया कि जो लोग होम आइसोलेशन में रहना चाहते हैं वह रह सकते हैं। शासन के दिशा निर्देशानुसार उनके घर में पृथक से शौचालय के साथ शयन कक्ष होना चाहिए। साथ में उनका पर्सनल थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर भी होना चाहिए एवं जिला कोविड-19 नियंत्रण कक्ष में सुबह शाम वीडियो कॉलिंग के द्वारा अपने स्वास्थ्य की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। होम आइसोलेशन में यदि स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो रहा है और तकलीफ बढ़ती जा रही है तो एंबुलेंस से कोविड अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। वर्तमान में करोना से संक्रमित होने वाले एवं संक्रमित होने के बाद गंभीर अवस्था में जाने वाले मरीजों के आंकड़े को देखते हुए शासन द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि कोरोनावायरस से ज्यादा खतरा उच्च एवं मध्यम आय के परिवारों को है जबकि पूर्व में मजदूर एवं श्रमिक वर्ग जो रेड जोन एरिया से संक्रमित होकर आए हुए थे। आज की स्थिति में वे संक्रमित नहीं हो रहे हैं और होते भी है तो जल्द स्वास्थ हो जाते है। इसलिए मध्यम एवं उच्च आय वर्ग के परिवारों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, इसमें से भी वह लोग जो 60 वर्ष से ऊपर की आयु के पड़ाव में है और जो मधुमेह, ब्लड प्रेशर, ह््रदय रोग किडनी रोग, टीवी, कैंसर, अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है, तथा गर्भस्थ महिलाएं एवं  बच्चे। 

  शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि शासकीय कर्मचारी यदि  कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाते हैं तो उनके इलाज में होने वाला व्यय का भुगतान शासन करेगा। हमारे कोरोना योद्धा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं पुलिस को उनके निरंतर समर्पण एवं सद्भाव से किए गए कोरोना रोकथाम के प्रयास सराहनीय रहे है और उनकी ताकत से हमारा हौसला बुलंद है और हम हमेशा कोरोना कि लड़ाई में तत्पर हैं। वर्तमान में वायरस की शक्ति बढ़ रही है यह विगत चार-पांच महीनों में हुए संक्रमण के अध्ययन से मालूम पड़ा है की आगे आने वाले समय में रोगियों की संख्या और अधिक बढ़ेगी। नए रोगियों में ज्यादा गंभीर लक्षण देखने को मिलेंगे, वायरस की शक्ति बढ़ने के कारण यह सीधे फेफड़ों को प्रभावित करेगा। इन दिनों में शहर एवं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमितो की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है स्वास्थ्य विभाग के कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम के लिए संक्रमित लोगों को ढूंढना मुश्किल हो रहा है। विभाग के पास अमले की कमी होने से सिर्फ प्राथमिकता वाले इलाकों में ही जाकर संक्रमित मरीजों को ढूंढ कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। आम लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हो गया है कि वह संक्रमित हैं या नहीं ऐसे में अब आम लोगों को अपनी कांटेक्ट ट्रेसिंग खुद ही करना बेहद जरूरी हो गया है। सर्दी खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत सहित कोरोना के अन्य लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अपने नजदीकी फीवर क्लीनिक पहुंचे यहां अपनी जांच कराएं और जरूरी इलाज लें साथ ही पूरी तरह से सतर्क और सावधान रहें अपनी सामाजिक जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए खुद व अन्य लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन व सैनिटाइजर का उपयोग करना अब बेहद जरूरी है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बारम्बार आम लोगों से अपील शुरू से ही की जा रही है।

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