होम क्वारेंटाइन की व्यवस्था एवं लॉकडाउन के पूरे खुलने की चुनौतियों की तैयारी पर मुख्यमंत्री बोले ये बड़ी बात

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होम क्वारेंटाइन की व्यवस्था एवं लॉकडाउन के पूरे खुलने की चुनौतियों की तैयारी पर मुख्यमंत्री बोले ये बड़ी बात




होम क्वारेंटाइन की व्यवस्था एवं लॉकडाउन के पूरे खुलने की चुनौतियों की तैयारी पर मुख्यमंत्री बोले ये बड़ी बात

 
मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan ने कहा है कि शासन द्वारा कोरोना के उपचार के लिए प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों के माध्यम से उत्कृष्ट व्यवस्था की गई है। इसी के साथ कुछ निजी चिकित्सालयों को भी कोविड के इलाज के लिए अनुबंधित किया गया है, जहां पर सभी को नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इलाज की अच्छी व्यवस्था के चलते प्रदेश में बड़ी संख्या में मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं। हमारी रिकवरी रेट 76.4 प्रतिशत है। बहुत से कोरोना संक्रमित तथा कोरोना संदिग्ध, जिनके घर पर व्यवस्था है, 'होम आइसोलेशन' तथा 'होम क्वारेंटाइन' को प्राथमिकता देते हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले में 'कमांड कंट्रोल रूम' बनाए जाएं, जहां से 'होम आइसोलेशन' एवं 'होम क्वारेंटाइन' हुए व्यक्तियों की निरंतर देखभाल एवं निगरानी की जा सके। यहां एम्बुलेंस भी आवश्यक रूप से रखी जाए। दिन में कम से कम दो बार उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश धीरे-धीरे पूर्ण लॉकडाउन खोलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हमारी मशीनरी इसकी चुनौतियों के लिए पहले से ही पूर्ण रूप से तैयार हो जाए। हमें अपनी अर्थव्यवस्था को गतिशील करना है तथा जन-जीवन को पूर्ण रूप से सामान्य एवं खुशहाल बनाना है। यदि कोरोना संक्रमण रोकने की सभी सावधानियां मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना आदि का पालन किया जाए, तो हम संक्रमण को भी रोक सकते हैं और जन-जीवन को भी पूर्ण रूप से सामान्य बना सकते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में वी.सी. के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे।

निजी चिकित्सालयों में भी प्रोटोकॉल का पालन हो:-

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि शासकीय चिकित्सालयों के साथ ही निजी चिकित्सालयों में भी कोरोना के इलाज के निर्धारित प्रोटोकॉल का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे व्यक्ति अपनी इच्छा एवं सुविधानुसार शासकीय अथवा निजी अस्पतालों में इलाज करा सके। इसी के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि निजी चिकित्सालय मरीजों से मनमाना शुल्क न वसूल सकें। कोरोना का इलाज कर रहे निजी चिकित्सालयों के पास सभी आवश्यक संसाधन एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो, यह भी देखा जाए।

कलेक्टर करें समन्वय स्थापित:-

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में निजी चिकित्सालयों के साथ समन्वय कर कोरोना के इलाज के संबंध में उनके पास उपलब्ध संसाधनों एवं चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी प्राप्त करें। कोरोना के इलाज के संबंध में निजी चिकित्सालयों को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए। निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकीय अमले एवं संसाधनों का पूरा उपयोग किया जाए।

प्रदेश अब 17वें नंबर पर:-

बैठक में बताया गया कि कोरोना के एक्टिव प्रकरणों में तुलनात्मक रूप से मध्यप्रदेश देश में 17वें स्थान पर आ गया है। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव प्रकरणों की संख्या 14 हजार 337 है।

ये जिले विशेष सावधानी रखें:-

बैठक में कोरोना की जिलावार समीक्षा के दौरान इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर जिलों में अपेक्षाकृत अधिक संक्रमण होने से, यहां विशेष सावधानी बरते जाने के निर्देश मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिए।

जबलपुर में विशेष 'हैल्प डेस्क':-

जबलपुर जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वहां कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की जानकारी परिजनों को देने के लिए विशेष हैल्प डेस्क बनाई गई है। इसके माध्यम से कोरोना मरीजों के परिजनों को उनकी स्थिति की निरंतर जानकारी दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस नवाचार की सराहना करते हुए अन्य जिलों में भी यह व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।

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